व्हिस्की की शौक़ीन थीं मार्गरेट थैचर
३० दिसम्बर २००९ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर के कड़क मिज़ाज, ग़ुस्सैल आदत, और राजनैतिक नज़रिए की झलक इस फ़ाइल से मिलती है. थैचर को अपने दौर की सख़्त राजनीतिज्ञ माना जाता है. कंज़रवेटिव पार्टी की थैचर अपने रहन सहन और व्यवहार में भी कट्टरता की छवि पेश करने से नहीं हिचकती थीं.
उन्हें व्हिस्की का शौक था और उनका पसंदीदा ब्रांड था टीचर्स. जो फाइल सार्वजनिक हुई है उसमें एक रसीद भी पड़ी है जिसमें थैचर की टीचर्स, उनके पति के लिए जिन की एक बोतल और बेंसन एंड हेजस सिगरेट की 200 सिगरटें के भुगतान का ब्यौरा है.
यह बिल तब का है जब वह फ्रांस के पहले दौरे पर गई थीं और उनका यह बिल पेरिस में एम्बेसी के स्टाफ ने चुकाया था. बाद में डाउनिंग स्ट्रीट यानी प्रधानमंत्री थैचर के निवास पर यह बिल उगाही के लिए भेजना पड़ा था.
मार्गेट थैचर तुनक मिज़ाज तो थीं ही अधीर भी थी. अपने मंत्रियों और नौकरशाहों की कमियां उन्हें खिन्न कर देती थीं. वो अड़ियल भी कम न थीं. इसकी एक मिसाल फ़ाइल के मुताबिक जून 1979 की है जब वह टोक्यो में एक आर्थिक बैठक में गईं. यह बात उनके पीएम बनने से एक महीने बाद की है.
उनके साथ वहां सुरक्षा गार्ड्स के रूप में 20 कराटे महिलाएं रखने की जापान सरकार की योजना थीं. लेकिन थैचर ने यह कहते हुए महिला कराटे गार्ड लेने से मना कर दिया कि जैसे दूसरे मेहमानों को पुरुष गार्ड मिले हैं उन्हें भी वैसे गार्ड रखने में एतराज़ नहीं. थैचर का कहना था कि यह सुरक्षा के स्तर का मामला नहीं बल्कि उसे लागू करने के तरीके का मामला है.
दिसंबर 1979 में जब वह तत्कालीन राष्ट्रपति जिमी कार्टर से मिलने गईं तो आयरलैंड की पुलिस फोर्स को हथियार न देने की अमेरिकी नीति को उलटने का आग्रह किया. थैचर ने कार्टर को बेलाग ढंग से कहा कि पुलिस के पास जिस तरह की बंदूकें हैं वह उन्हें खुद चलाई हुई हैं और अमेरिकी बंदूक बेहतर है.
थैचर ने एक बार तत्कालीन जर्मन चांसलर हेल्मुट श्मिड के साथ डिनर करने से पहले अपने अधिकारियों से ये जानकारी बेहिचक तलब कर ली कि क्या चांसलर के पास मज़ाक की सेंस है. लंदन स्थित नैशनल आरकाइव्स ने यह दस्तावेज़ जारी किए हैं.
थैचर का रुख़ कितना कट्टर था इसकी एक मिसाल 1979 में वियतनाम के लोगों को शरण देने के मामले से जुड़ी है. ब्रिटेन प्रशासित हांग कांग में तय संख्या से ज़्यादा वियतनामी शरणार्थियों को जगह देने से मना कर दिया क्योंकि यह बिल्कुल गलत होता.
इस बारे में जब नेताओं ने चिट्ठियों से दबाव बनाना चाहा तो थैचर ने कहा कि जो भी ख़त लिख रहा है वो हर एक वियतनामी को अपने घर पर रख ले. कम्युनिज़्म के प्रति थैचर की नफ़रत भी जगज़ाहिर थी.
एक किस्सा रॉबर्ट मुगाबे से भी जुड़ा है. 1979 में ही थैचर ने अपने दूत को तत्कालीन रोडेशिया जाने से रोक दिया था. दूत को मुगाबे से मिलना था. दस्तावेज़ के मुताबिक थैचर ने कहा कि आतंकियों से तब तक बात करना ठीक नहीं जब तक वे प्रधानमंत्री नहीं बन जाते.
थैचर ने अपने हस्ताक्षर के साथ आधिकारिक आदेश वाले नोट में कुछ इस तरह लिखा, ''नहीं, कृपया पैट्रॉयटिक फ्रंट के नेताओं से मुलाकात न करें. मैनें कभी आतंकवादियों के साथ कोई बात नहीं की जब तक कि वे प्रधानमंत्री न बन जाएं.!... एम टी (मार्गरेट थैचर).''
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस जोशी
संपादन: एस गौड़