सऊदी मौलवी ने शतरंज को बताया 'हराम'
२५ जनवरी २०१६सऊदी अरब के एक शीर्ष मौलवी को एक वीडियो क्लिप में बोलते हुए सबने सुना. मौलवी का कहना था कि शतरंज का खेल इस्लाम में "वर्जित" है क्योंकि इससे समय की बर्बादी होती है और लोगों के बीच प्रतिद्वंद्विता और शत्रुता बढ़ती है. यूट्यूब पर दिसंबर 2015 में शेयर की गई इस 45 सेकंड की क्लिप में ग्रैंड मुफ्ती शेख अब्देलअजीज अल शेख को सुन सकते हैं जिसमें वे इस खेल को एक तरह का जुआ बता रहे हैं.
सऊदी अरब में धार्मिक नेताओं के ऐतराज के बावजूद खेल पर किसी प्रतिबंध के लगाए जाने की संभावना नहीं है. गैर सरकारी सऊदी चेस एसोसिएशन ने इस फतवे पर निराश जताई है लेकिन इसके कारण किसी शतरंज प्रतियोगिता को रद्द नहीं किया है.
उनके इस बयान से केवल सऊदी अरबी ही नहीं दुनिया भर के सोशल मीडिया यूजरों के बीच बहस छिड़ी हुई है. सऊदी अरब में कट्टर सुन्नी इस्लाम की वहाबी विचारधारा का बोलबाला है.
दूसरी ओर ईरान में भी 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से सार्वजनिक स्थलों पर शतरंज खेलने की मनाही लगी थी. इसे 'हराम' या 'वर्जित' घोषित कर वरिष्ठ मौलवियों ने भी इसे जुए से जुड़ा बताया था. फिर साल 1988 में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह खोमैनी ने इस खेल से प्रतिबंध को हटाकर जुए से जोड़े बिना इसे खेलने की अनुमति दे दी थी. आज ईरान में शतरंज का सक्रिय महासंघ है जो अपने खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भी भेजता है.
यूरोपीय देशों में इराक, सीरिया और दूसरे कई इस्लामी देशों से पहुंचे मुसलमान शरणार्थियों को लेकर चिंता का माहौल है. जर्मनी में भी सलाफी विचारधारा के लिए बढ़ रहा समर्थन चिंता का कारण है. जर्मनी की घरेलू खुफिया एजेंसी ने बताया है कि पिछले दो सालों में ही देश में सलाफियों की संख्या बढ़कर 5,500 से करीब 7,900 तक पहुंच गई है. इसे आतंकवादी गुट तथाकथित इस्लामिक स्टेट की विचारधारा माना जाता है.
नए साल की पूर्व संध्या पर जर्मन शहर कोलोन में बड़े स्तर पर महिलाओं के साथ हुए दुर्व्यवहार पर कोलोन के ही एक सलाफी इमाम के बयान ने सुर्खियां बटोरीं. एक रूसी टीवी चैनल से बातचीत में इमाम सामी अबु-युसुफ ने कहा था कि पुरुषों के दुर्व्यवहार का एक कारण "महिलाओं के कपड़े पहनने का अंदाज" भी था. अबु-युसुफ ने कहा था कि "अगर वे अधनंगी हों और इत्र लगाया हो, तो ऐसी चीजें होने में कोई हैरत की बात नहीं होनी चाहिए."
इस बयान पर विवाद हुआ और इमाम के खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज हुआ है. हालांकि बाद में कोलोन के एक स्थानीय अखबार एक्सप्रेस से बातचीत में इमाम ने बताया कि उनके बयान को संदर्भ से बाहर दिखाया गया. सफाई देते हुए इमाम ने कहा, "ऐसा नहीं है कि मैं मानता हूं कि महिलाओं को वैसे कपड़े पहनने की अनुमति नहीं होनी चाहिए...सबको ये स्वीकार करना ही होगा. अगर वे सहमत नहीं हैं तो उन्हें (पुरुषों) किसी और देश चले जाना चाहिए."
कोलोन कांड की जांच के लिए 140 सदस्यीय टीम पुलिस को मिले 800 से भी अधिक शिकायतों पर कानूनी कार्रवाई कर रही है. इनमें से 350 से भी अधिक मामले यौन अपराधों के हैं. कुछ ही हफ्तों में कोलोन में आयोजित होने वाले सालाना कार्निवाल को लेकर पहले से ही काफी सावधानी बरती जा रही है.
आरआर/एमजे (एपी,डीपीए)