शहजाद ने कबूले अपराध, अब मिलेगी सजा
२२ जून २०१०फैसल पर लगाए गए ये आरोप साबित हो जाते हैं तो उसे इस मामले में उम्रकैद की सज़ा हो सकती है. 30 साल के शहजाद ने खुद को कोर्ट में मुस्लिम सिपाही कहा. जज मिरियम गोल्डमैन सिडारबॉम से शहजाद ने कहा आपको समझना चाहिए कि "मैं कहां से आया हूं मैं खुद को एक इस्लाम का सिपाही मानता हूं."
जहीन अंग्रेज़ी में शहज़ाद ने कहा, "मैं सौ बार अपना जुर्म कबूल करता हूं. जब तक अमेरिका अफगानिस्तान और इराक से बाहर नहीं आ जाता सोमालिया पाकिस्तान और यमन पर ड्रोन हमले नहीं रोक देता हम अमेरिका पर हमला करते रहेंगे."
शहजाद ने अदालत में कहा,"मैंने जो किया उसे मैं जुर्म नहीं मानता. मैं अमेरिका के कानून को जानता हूं लेकिन उसकी परवाह नहीं करता."
शहजाद पर 10 आरोप लगाए गए हैं. इसमें जन संहार के हथियारों का इस्तमाल और आतंकवाद के आरोप शामिल हैं.
कोर्ट की कार्रवाई के दौरान फैसल ने बताया कि उसके पास तीन बम थे. बम से भरे वैन को फैसल ने टाइम स्क्वेयर ब्रॉडवे थियेटर के सामने लाकर खड़ा कर दिया. फैसल ने बमों के फ्यूज में आग भी लगा दी लेकिन ये बम मौके पर फटे नहीं. बाद में पुलिस ने इन्हें बेकार कर दिया. इस दौरान फैसल वहां से भागने में कामयाब हो गया. तीन दिन बाद जब वो एक जहाज में बैठकर दुबई जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचा तभी एफबीआई के अधिकारियों ने उसे गिरफ़्तार कर लिया. जिस समय पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया उस समय प्लेन उड़ान भरने ही वाला था.
सफेद जालीदार टोपी पहने कोर्ट में आए फैसल के चेहरे पर कोई अफसोस नज़र नहीं आ रहा था. कोर्ट में उसने कहा कि वो उस जंग का हिस्सा है जो अमेरिकी के मुस्लिम देशों को डराने की कोशिशों के खिलाफ शुरू की गई है. फैसल ने कहा "मैं मुस्लिम देशों पर हुए हमले का बदला ले रहा हूं. अमेरिकी लोग केवल अपने लोगों की चिंता करते हैं बाकी दुनिया में मरने वालों की उन्हें कोई फिक्र नहीं होती."
रिपोर्टः एजेंसियां/ एन रंजन
संपादनः आभा एम