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शांति के बीज बोने उत्तर कोरिया जा रहा है अमेरिकी बच्चा

१२ अगस्त २०१०

उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच भले ही ठनी रहती हो, लेकिन 13 साल का एक अमेरिकी बच्चा उत्तर कोरिया में शांति के बीज बोना चाहता है. वह चाहता है कि ये बीज फलें, फूलें और पेड़ बनकर दुनिया भर में शांति फैलाएं.

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उत्तर कोरिया की सीमा पर कड़ी चौकसीतस्वीर: AP

इस काम के लिए अमेरिका का जोनाथन ली इसी हफ्ते उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग जा रहा है. जोनाथन अमेरिका के मिसिसिपी में रहता है, लेकिन उसका जन्म दक्षिण कोरिया में हुआ. वह गुरुवार को अपने माता पिता के साथ चीन की राजधानी पेइचिंग से प्योंगयांग के लिए उड़ान भरेगा.

जोनाथन एक किशोर पर्यावरण कार्यकर्ता है. उसने मिसीसिपी में ‘इंटरनैशनल को-ऑपरेशन ऑफ एन्वायर्नमेंटल यूथ' नाम की एक संस्था स्थापित की है. उसका मकसद उत्तर कोरिया के नेताओं को एक ऐसा शांति वन बनाने के लिए तैयार करना है जो बच्चों के लिए बनाया जाएगा. उसके परिवार के मुताबिक पेइचिंग में उत्तर कोरिया के अफसरों ने बुधवार रात उन्हें वीजा दे दिया है.

जोनाथन प्योंगयांग में कई उत्तर कोरियाई अधिकारियों से मिलेगा. उसकी मुलाकात उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग इल से भी हो सकती है. वह वहां अपने शांति वन का प्रस्ताव रखेगा. यह एक ऐसा वन होगा जिसमें फलों और मेवों के पेड़ होंगे. वहां बच्चे खेला करेंगे.

यह वन गैर सैन्य क्षेत्र में उगाए जाने का प्रस्ताव है. उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच 250 किलोमीटर लंबी और चार किलोमीटर चौड़ी एक पट्टी है जो दोनों देशों को बांटती है. यह पट्टी 1948 में अस्तित्व में आई, जब दूसरे विश्व युद्ध के बाद कोरिया, रूस और अमेरिका के नियंत्रण वाले इलाकों में बंट गया. एक तरफ रिपब्लिक ऑफ कोरिया बना जिसे दक्षिण कोरिया के नाम से जाना जाता हैं. दूसरी ओर डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया बना, जिसे उत्तर कोरिया कहा जाता है. इन दोनों के बीच स्थित यह गैर सैन्य क्षेत्र दुनिया के सबसे तनावग्रस्त और संवेदनशील इलाकों में से एक माना जाता है. दोनों ओर के सुरक्षा गार्ड एक एक पल इस इलाके की निगरानी करते हैं.

जोनाथन का प्रस्ताव इस इलाके को शांति वन में बदल देने का है. उसकी यात्रा कई मायने में अनोखी और अहम है. अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच कूटनीतिक संबंध नहीं हैं. अमेरिका के नेतृत्व में दुनिया के कई देशों ने उत्तर कोरिया पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं. अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर चेतावनी दी है कि जो भी विदेशी नागरिक उत्तर कोरिया जाएगा उसे वहां गिरफ्तार किया जा सकता है.

ऐसे में जब पहली बार जोनाथन ने कहा, "मुझे लगता है, हमें उत्तर कोरिया जाना चाहिए", तो उसकी मां बुरी तरह चौंक गईं. जोनाथन तीन साल पहले दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति किम दाई जुंग से मिला था. तब उसने पहली बार कोरियन प्रायद्वीप पर मेवों के पेड़ बोने की बात कही थी. पिछले साल जब किम दाई जुंग बीमार थे, तब भी वह उनसे मिलने गया.

जोनाथन के पास एक खत है जो वह उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग इल को देना चाहता है. इस खत में किम दाई जुंग की "सनशाइन नीति" के बारे में लिखा है, जिसके तहत वह उत्तर कोरिया के साथ शांति से रहना चाहते थे. खत में जोनाथन ने लिखा है, "दाई जुंग ने मुझसे वादा किया था कि वह अगले साल उत्तर कोरिया जाएंगे तो मुझे अपने साथ ले जाएंगे. लेकिन दुर्भाग्य से वह गुजर गए. मैं उनके सपने को पूरा करना चाहता हूं."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए कुमार