श्रीलंका ने केन्या को रौंदा
१ मार्च २०११कमजोर केन्या ने श्रीलंका के गेंदबाजों के सामने घुटने टेक दिए और उसकी पूरी टीम निर्धारित ओवरों से पहले ही 142 रनों के मामूली स्कोर पर ढेर हो गई. लसिथ मलिंगा ने इस वर्ल्ड कप की दूसरी हैट ट्रिक बनाई.
इसके साथ ही मलिंगा दुनिया के एकमात्र ऐसे गेंदबाज बन गए, जिसने वर्ल्ड कप में दो बार हैटट्रिक बनाई हो. वर्ल्ड कप 2007 में भी मलिंगा ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लगातार चार गेंदों में चार विकेट लेकर हैटट्रिक बनाई थी.
लसिथ मलिंगा की गेंदबाजी के कहर से केन्या के बल्लेबाज बच न सके और उन्होंने आसानी से आत्मसमर्पण कर दिया. मलिंगा की यॉर्कर का जादू चला और हैटट्रिक सहित उन्होंने छह विकेट लिए.
टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी केन्या की शुरुआत खराब रही और विकेटकीपर बल्लेबाज मोरिस ओमा पारी के दूसरे ओवर में ही कुलशेखरा की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए. उन्होंने सिर्फ एक रन बनाया. इसके अगले ही ओवर में सेरेन वॉटर्स भी तीन रनों के निजी योग पर लसिथ मलिंगा की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए.
आठ रनों पर दो विकेट की दयनीय स्थिति से कॉलिंस ओबुया और डेविड ओबुया ने केन्या की पारी को सहारा दिया. दोनों बल्लेबाजों ने तीसरे विकेट के लिए महत्वपूर्ण 94 रनों की साझेदारी की और केन्या की पारी को दिशा दी. कॉलिंस ने 52 जबकि डेविड ने 51 रन बनाए. लेकिन इस साझेदारी के टूटते ही केन्या की पारी ढह गई और वह 43.4 ओवरों में 142 रनों पर सिमट गई.
केन्या के आठ विकेट केवल 40 रन जोड़कर पैवेलियन लौट गए. इसके लिए मलिंगा जिम्मेदार रहे. केन्या की पारी के 42वें ओवर की अंतिम गेंद पर मलिंगा ने तन्मय मिश्रा को पगबाधा आउट किया और अपने अगले ओवर की दो लगातार गेंदों पर विकेट लेकर इस वर्ल्ड कप की दूसरी हैटट्रिक पूरी की.
उन्होंने पारी के 44वें ओवर में तीन बल्लेबाजों को अपनी यॉर्कर में उलझाकर बोल्ड कर दिया. मलिंगा ने 38 रन देकर छह विकेट लिए. कुलशेखरा, एंगेलो मैथ्यूस और मुथैया मुरलीधरन ने एक एक विकेट लिया.
जवाब में श्रीलंका ने सिर्फ 18.4 ओवरों में एक विकेट के नुकसान पर 146 रन बनाकर मैच अपने कब्जे में कर लिया. उपुल थरंगा ने 59 गेंदों पर 12 चौकों के साथ नाबाद 67 रन बनाए. तिलकरत्ने दिलशान ने 30 गेंदों पर आठ चौकों की मदद से 44 रन बनाए. श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगकारा 27 रन बनाकर नाबाद रहे.
रिपोर्टः एस खान/एजेंसियां
संपादनः आभा एम