संविधान के दायरे में हो लोकपाल: पीएम
३ जुलाई २०११मनमोहन सिंह ने बैठक में कहा कि भ्रष्टाचार से जूझने के लिए कड़े कानून बनाना जरूरी है लेकिन यह काफी नहीं होगा क्योंकि, "प्रक्रियाओं को आसान करना होगा, विवेकाधिकार कम करने होंगे, मनमाने तरीके से फैसले लेना खत्म करना होगा और सरकार के काम करने के तरीके में पारदर्शिता लानी होगी."
प्रधानमंत्री के मुताबिक यह धारणा लोगों में फैल रही है कि देश की संस्थाएं इतनी ताकतवर नहीं है कि बेईमान व्यक्तियों और उच्च दफ्तरों में नियुक्त किए गए अधिकारियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए . उन्होंने कहा, "मैं आपको पहले ही बताना चाहता हूं कि सरकार में हम लोकपाल कानून के लिए वचनबद्ध हैं जिससे एक मजबूत, प्रभावशाली संस्था बन सके जो उच्च स्तरों पर भ्रष्टाचार पर काबू कर सके."
मनमोहन सिंह ने कहा कि लोकपाल विधेयक को संसद के सामने मानसून सत्र में पेश किया जाएगा. सिविल सोसाइटी की मांगों को लेकर सिंह ने कहा कि लोकपाल संस्था को बाकी संस्थाओं और कानून के साथ मिल जुल कर काम करना होगा और उसे संविधान के दायरे में रह कर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि संविधान में "जांचने और संतुलन रखने के लिए एक बहुत ही जटिल प्रणाली है." सिंह ने कहा कि लोकपाल को इस सांचे में ढलना होगा.
रिपोर्टः पीटीआई/एमजी
संपादनः एस गौड़