संस्कृत बोल कर ऐश्वर्या ने दिया शांति संदेश
२२ सितम्बर २०१२शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस के समारोहों की शुरुआत करने 38 साल की ऐश्वर्या न्यूयॉर्क पहुंची. यहां उनका बेहद व्यस्त कार्यक्रम था. छात्रों को संबोधित करने के अलावा उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून और संयुक्त राष्ट्र के शांति दूत माइकल डगलस, ब्रिटिश मानवविज्ञानी जेन गुडॉल, अमेरिकी लेखक और नोबेल विजेता एली वीजेल और अमेरिकी अभिनेत्री और गायिका मोनिक कोलमैन से मुलाकात की. इसके बाद ऐश्वर्या ने पूरे देश के छात्रों के साथ एक परिचर्चा में हिस्सा लिया जिसमें टिकाऊ भविष्य के लिए टिकाऊ शांति पर बातचीत हुई.
ऐश्वर्या का न्यूयॉर्क में अगले हफ्ते भी संयुक्त राष्ट्र के कई बड़े अधिकारियों से मिलने और छात्रों के बड़े सम्मेलन में भाषण देने का कार्यक्रम है. ऐश्वर्या ने कहा कि छात्रों से मिल कर वो खुद भी एक छात्र की तरह महसूस कर रही हैं और खासतौर से इसलिए भी उन्हें ऐसा लगा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रमों से अब वो जुड़ रही हैं. ऐश्वर्या संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य और एड्स से जुड़े कार्यक्रमों में शामिल हो रही हैं. ऐश्वर्या ने कहा, "यह अनुभव और संयुक्त राष्ट्र से जुड़ने की आज जो शुरुआत हुई है यह मेरे लिए सीखने का एक नया सफर है. मैं संयुक्त राष्ट्र में बहुत भरोसा करती हूं क्योंकि एक बेहतर दुनिया के लिए लोगों को जोड़ना हम सबको यहां बहुत अच्छा लगता है. एकता के लिए साहस, समर्पण और नेतृत्व की जरूरत होती है."
ऐश्वर्या ने अपने पिता से ली एक सीख को छात्रों से बांटते हुए उनसे अनुरोध किया कि वो अपने अहंकार को भूलें और यह पहचानें कि सब कुछ, "हमारे बारे में है, मेरे बारे में नहीं. हमें अपनी निजी जरूरतों, इच्छाओं और महत्वाकांक्षाओं में कटौती करनी होगी और कोशिश करनी होगी कि अपनी ताकत बढ़ाने के लिए हम एक दूसरे के ऊपर न चढ़ें. ऐसा हुआ तभी हमें शांति मिल सकेगी."
ऐश्वर्या ने अपना भाषण संस्कृत के ओम शांति श्लोक के साथ पूरा किया और कहा कि यह महज एक शब्द नहीं, "बल्कि दिव्य ज्योति है जिसे हमें अपने अंदर जलानी होगी." हथियार और जंग से नुकसान की ओर इशारा करते हुए ऐश्वर्या ने कहा उनके लिए यह बेहद कठिन है कि युवा ऐसे हथियार बनाने के बारे में सोचें जो देशों और पीढ़ियों को तहस नहस कर सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस हर साल 21 सितंबर को मनाया जाता है.
एनआर/एमजे (पीटीआई)