मर्जी के कपड़े पहन पाएंगी सऊदी महिलाएं?
२० मार्च २०१८बेहद रुढ़िवादी समझे जाने वाले सऊदी अरब में महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां रही हैं. उनके पहनावे और उनके व्यवहार पर सख्त नियम लागू होते हैं. लेकिन हाल में वहां महिलाओं को कई तरह की रियायतें दी गई हैं. अमेरिकी टीवी चैनल सीबीएस के साथ इंटरव्यू में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि महिलाएं यह तय करने में सक्षम होनी चाहिए कि उन्हें क्या पहनना है.
सीबीएस के "60 मिनट्स" शो में सऊदी क्राउन प्रिंस ने कहा, "कानून बहुत स्पष्ट है और शरिया में लिखा है कि महिलाओं को शालीन और सम्मानजनक कपड़े पहनने चाहिए, पुरूषों की तरह. इसमें कहीं यह नहीं कहा गया है कि उन्हें काला अबाया (सर से पैर तक शरीर को ढंकने वाले कपड़ा) या काला नकाब पहनना चाहिए."
प्रिंस मोहम्मद के अमेरिकी दौरे से पहले यह इंटरव्यू प्रसारित किया गया है. सऊदी क्राउन प्रिंस मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मुलाकात करने वाले हैं.
हालांकि प्रिंस मोहम्मद का बयान सऊदी अरब में महिला अधिकारों को और बढ़ावा देने की तरफ इशारा करता है. लेकिन उन्होंने जिस तरह "शालीन और सम्मानजक कपड़ों" पर जोर दिया है, उससे पता चलता है कि सऊदी महिलाओं को अब भी पूरी तरह अपनी पसंद के कपड़े पहनने की आजादी नहीं होगी.
सऊदी अरब में शरिया कानून को लागू करने का कोई लिखित कानून नहीं है. लेकिन न्यायपालिका और पुलिस ने पहनावे को लेकर कड़े नियम लागू किए हैं. इनके तहत महिलाओं को अबाया पहनना और सार्वजनिक जगहों पर अपना चेहरा और बाल ढंकने जरूरी है.
अपने पिता शाह सलमान के बाद सऊदी गद्दी के वारिस 32 वर्षीय प्रिंस मोहम्मद ने सऊदी अरब में कई बड़े बदलाव किए हैं. इनमें महिलाओं को पुरूषों के साथ बैठ कर स्टेडियम में मैच देखने की अनुमति, कार चलाने की अनुमति दी गई है इसके साथ ही अब सऊदी अरब में सिनेमा दिखाने को भी मंजूरी मिल गई है. लेकिन अब भी सऊदी महिलाएं कई बुनियादी हकों से वंचित हैं, खासकर उनके जुड़ा कोई भी अहम फैसला उनका कोई पुरूष सरपरस्त ही ले सकता है, जो उनका पति, पिता या भाई हो सकता है.
एके/एनआर (रॉयटर्स)