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सचिन का नया साल का तोहफा, शतक नंबर 51

४ जनवरी २०११

उनके हाथ में बल्ला नहीं, जादू की छड़ी होती है. वैसे जादूगर हर रोज जादू नहीं दिखाता, पर जब दिखाता है, तो सम्मोहित कर लेता है. केप टाउन में जादू दिखा. वही 100 रन वाला. वही ग्राउंड. वही बल्ला. वही जादूगर. सचिन तेंदुलकर.

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तस्वीर: AP

सचिन तेंदुलकर ने पिछले 21 सालों में एक दो बार नहीं, 51 बार किया है. लेकिन हर शतक पहले से अलग दिखता है, हर बार बल्ले में कोई नई बात लगती है और हर बार एक ताजगी का अहसास करा जाता है.

सचिन ने इस बार ये कारनामा मोर्केल की गेंद पर छक्का मार कर किया. इसके बाद केप टाउन का पूरा स्टेडियम तालियों से गूंज उठा. वहां जमा सारे लोग क्रिकेट के सबसे बड़े हीरो के सम्मान में उठ कर खड़े हो गए. सचिन ने फिर एक बार आंखें बंद कीं. हेलमेट उतारा. उस पर अंकित तिरंगे को चूमा और दोनों हाथ उठा कर आसमान की तरफ देखा. शतक पूरा करने के बाद सचिन का यह खास अंदाज होता है, क्रिकेट देखने वाले जिसे देखने के लिए बेताब रहते हैं.

Sachin Tendulkar
तस्वीर: AP

अपनी बेदाग पारी में सचिन तेंदुलकर ने एक छक्के के अलावा 12 चौके जड़े और दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों को कभी भी हावी नहीं होने दिया. दूसरा विकेट गिरने के बाद वह दूसरे दिन ही पिच पर आए थे और तीसरे दिन भी उनका जलवा चलता रहा. डेल स्टेन और मोर्केल की तेज गेंदबाजी भी सचिन को परेशान नहीं कर पाई और वह अपने स्वभाविक खेल को जारी रखने में कामयाब रहे.

मौजूदा सीरीज के तीन टेस्ट मैचों में सचिन तेंदुलकर का यह दूसरा शतक है और यह इस बात का भी इशारा करता है कि बल्ला फिलहाल तो खामोश नहीं होने वाला है.

इस शतक के साथ ही सचिन तेंदुलकर के नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 97 शतक हो गए हैं, जिनमें से 51 टेस्ट मैचों में 46 वनडे मैचों में हैं. सचिन दुनिया में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले, सबसे ज्यादा टेस्ट खेलने वाले, सबसे ज्यादा वनडे रन बनाने वाले और पता नहीं कितने ही रिकॉर्डों को साथ लेकर चलने वाले खिलाड़ी हैं.

उनकी महानता का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि टेस्ट मैचों में दूसरे नंबर पर रिकी पोंटिंग और जैक कालिस ही आते हैं, जिन्होंने 39-39 शतक बनाए हैं. यानी सचिन से 12 कम. वनडे में तो यह फासला और भी बड़ा है. किसी क्रिकेटर ने 30 शतक भी नहीं बनाए हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः ओ सिंह