"सचिन ने रन आउट का बुरा नहीं माना"
२० फ़रवरी २०११सहवाग ने बताया कि उनके सीनियर पार्टनर सचिन ने इस बात को स्वस्थ तरीके से ही समझा क्योंकि सचिन के लिए जीत ज्यादा जरूरी थी. सहवाग ने कहा, "सचिन बुला रहे थे लेकिन मैंने सुना नहीं. मेरा ध्यान तो गेंद पर था. लेकिन बाद में जब हम ड्रेसिंग रूम में मिले तो सचिन ने कहा, कोई बात नहीं...देश के लिए जीतना ज्यादा जरूरी है. इससे फर्क नहीं पड़ता कि कौन ज्यादा खेला."
140 गेंदों पर 175 रन बनाने वाले वीरेंद्र सहवाग को वर्ल्ड कप के पहले मैच में ही मैन ऑफ द मैच चुना गया. उन्होंने अपनी पारी की शुरुआत सचिन के साथ की थी. 11वें ओवर में दोनों स्कोर को 69 तक ले आए थे. तब एक गेंद पर सचिन ने शॉट खेला और रन के लिए दौड़ पड़े. लेकिन सहवाग उनके बुलाने के बावजूद नहीं दौड़े. वह गेंद की दिशा में देख रहे थे.
इसका नतीजा यह हुआ कि दोनों बैट्समैन विकेट के एक ही तरफ पहुंच गए और बांग्लादेश के कप्तान साकिब अल हसन का सीधा निशाना सचिन का विकेट ले उड़ा. सचिन ने तब 28 रन ही बनाए थे. भारत यह मैच जीत गया इसलिए सचिन का आउट होना किसी को ज्यादा नहीं खला.
सहवाग कहते हैं कि भारत ने दोनों प्रैक्टिस मैच जीते और फिर बांग्लादेश को हराकर जीत की रफ्तार को बनाए रखा है. उन्होंने कहा, "आप जब दौड़ रहे हैं तो रफ्तार का बने रहना बहुत जरूरी है. अगर ऐसा नहीं होता है तो आपके मैच हारने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. पिछले तीनों मैचों में हमने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है. इसका असर हमारे पूरे टूर्नामेंट के खेल पर पड़ेगा."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः महेश झा