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सड़क से घर पहुंचने में लगे 25 साल

२३ जुलाई २०१०

परिवार से बिछड़ी भारतीय महिला पचीस साल तक मलेशिया की गलियों में भटकने के बाद अपने घर वापस लौटी है. एक अखबार में इंटरव्यू के साथ छपी फोटो देखकर उसके पति की बहन ने उसे पहचाना.

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तस्वीर: DW

डायटीशियन अनिता कौर ने पिछले हफ्ते स्टार मेट्रो अखबार में छपी फोटो देखकर पहचान लिया कि यही उसकी भाभी जीत कौर हैं जो 25 साल से लापता थीं. अनिता जब जीत के पास पहुंची और उसे साथ चलने को कहा तो वो चौंक गई. उसने अनिता के साथ चलने से भी इंकार कर दिया. इसके बाद अनिता ने एक पुरानी तस्वीर जीत को दिखाई जिसमें वो अपने पति के साथ नजर आ रही थी. तस्वीर देखते ही जीत भावुक हो गई. हालांकि इसके बाद भी वो अनिता के साथ आने को तैयार नहीं थी लेकिन अनिता के काफी जिद करने और भरोसा दिलाने के बाद उसने हां कह दी.

दरअसल जीत को ड्रग्स की लत लग गई थी जिसके बाद उसके घरवालों ने ही उसे छोड़ दिया था. 25 सालों से वो परिवार की मदद लिए बगैर मलेशिया में भटकती रही. 3 साल पहले अब्दुल रहमान नाम के एक शख्स ने अपने घर में पनाह दी. जीत से मुलाकात से पहले अनिता ने अखबार से कहा कि उसे उम्मीद है कि उसकी भाभी उसे माफ कर देंगी. उसने कहा, 'मैं अपनी भाभी से मिलने के लिए बेहद उतावली हूं, मुझे उम्मीद है कि वक्त ने उनके ज़ख़्मों को भर दिया होगा और हम एक बेहतर आने वाले कल के लिए साथ रहेंगे.' अनिता भी अब अकेली ही रहती है और उसे अब एक साथी मिल गया है.जीत ने अनिता को शुक्रिया तो कहा लेकिन ये कहा कि 25 साल तक सड़कों पर रहने के बाद सामान्य ज़िदगी की शुरूआत करना उसके लिए मुश्किल काम होगा. अपनी ननद के साथ जाने से पहले उसे कई काम खत्म करने हैं और उसके लिए ये एक कठिन लम्हा है.

दोनों की मुलाकात बस उनकी किस्मत से हुई है. जीत ने इंटरव्यू में अपना असली नाम बताया जबकि आमतौर पर वहां उसे लोग किसी और नाम से पुकारते हैं. यही नाम और तस्वीर देखकर अनिता अपनी भाभी के पास पहुंच गई.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः महेश झा