सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण
१५ जनवरी २०१०एक हज़ार सालों के सबसे बड़े सूर्य ग्रहण का पहला नज़ारा भारत में दक्षिण में स्थित शहर रामेश्वरम में दिखा. जिसके बाद धीरे-धीरे सूर्य ग्रहण देश के कई अन्य हिस्सों में देखा गया. सबसे लंबे कंकणाकृति सूर्य ग्रहण का खगोलविद बेताबी से इंतजार कर रहे थे. यह ग्रहण हिंद महासागर और दक्षिण भारत में लंबे समय तक और स्पष्ट रूप से दिखाई दिया.
खगोलविदों के अनुसार, पूर्ण और आंशिक सूर्य ग्रहण अक्सर होते रहते हैं, लेकिन लंबी अवधि का सूर्य ग्रहण बहुत कम दिखाई देता है. अलग अलग स्थानों के अनुसार ग्रहण की शुरुआत सुबह 11 बजे से दोपहर 12.30 बजे के बीच और अंत दोपहर 3 बजे से 3.30 बजे के आसपास होगा. लंबी अवधि के कारण यह सूर्य ग्रहण वैज्ञानिक अध्ययन के लिहाज़ से काफी महत्वपूर्ण है.
इसरो ने शुक्रवार को होने वाले इस ग्रहण के प्रभाव को पढने के लिए गुरुवार को ही तीन रॉकेट लॉन्च किए. इससे जानना चाहता है कि सूर्य ग्रहण का वातावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा.
हरिद्वार के साथ साथ देश के कई हिस्सों में स्थित मंदिर भी ग्रहण के समय बंद रहे. धार्मिक कुंभ मेले में हज़ारों श्रृद्घालुओं ने इस अवसर पर डुबकी लगाई. इस तरह का अगला सूर्य ग्रहण एक हज़ार तैंतीस साल बाद 24 दिसंबर 3043 को दिखाई देगा. 15 जनवरी का सूर्य ग्रहण करीब साढ़े तीन घंटे की अवधि का है. सदियों बाद इतना का ग्रहण हुआ है.
धरती के जिस स्थान पर सूर्य का जितना हिस्सा ढका रहेगा, वहां असर भी उतना ही ज़्यादा होगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/तनुश्री सचदेव
संपादनः आभा मोंढे