सरकार और अन्ना के बीच समझौते की कोशिश तेज
२४ अगस्त २०११मंगलवार को प्रधानमंत्री ने जन लोकपाल बिल के समर्थन में भूख हड़ताल पर बैठे 74 वर्षीय हजारे को पत्र लिखकर उनसे अनशन समाप्त करने की अपील की थी. विवाद को निबटाने के लिए सारे दिन सरकार और अन्ना हजारे के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत होती रही. सरकार ने इन बातचीतों पर ज्यादा जानकारी नहीं दी है लेकिन टीम अन्ना ने कहा है कि गांव से लेकर मंत्रालय तक सभी सरकारी अफसरों को लोकपाल के दायरे में लाने, राज्यों में लोकायुक्त बनाने और सार्वजनिक सेवाएं न देने पर अधिकारियों को दंडित करने की मांगों का सरकार विरोध कर रही है. सर्वदलीय बैठक से पहले मतभेदों को दूर करने के लिए सरकार और टीम अन्ना के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत का एक और दौर हुआ. कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने अपने घर पर टीम अन्ना के प्रतिनिधियों अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण और किरण बेदी से बातचीत की. दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता कर रहे कांग्रेसी सांसद संदीप दीक्षित ने भी बैठक में भाग लिया.
'आपसे मिल रही है शक्ति'
दिल्ली के रामलीली ग्राउंड पर दसियों हजार समर्थकों को संबोधित करते हुए अन्ना हजारे ने कहा, "हमारे प्रतिनिधि सरकार से मिले हैं, लेकिन वह देश से भ्रष्टाचार समाप्त करने का इरादा नहीं दिखा रहे हैं." हजारे ने अपने समर्थकों से अपील की कि वे उनके स्वास्थ्य की चिंता न करें. "मैंने छह किलो वजन खोया है. मेरी किडनी के बारे में चिंता है, लेकिन मुझे आपसे शक्ति मिल रही है." अनशन के 9वें दिन हजारे के स्वास्थ्य पर लगातार नजर रख रहे डॉक्टरों की टीम में उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ गई है. मेडिकल टीम के प्रमुख नरेश त्रेहान ने बुधवार सुबह कहा, "सुरक्षा कारणों से हमने कल रात उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया."
अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के समर्थन में लाखों लोग देश भर के शहरों में उमड़ पड़े हैं. आंदोलन को मिल रहे समर्थन ने मनमोहन सिंह सरकार की जड़ें हिला दी है. पिछले सालों में अरबों के घोटालों के सामने आने के बाद आम तौर पर स्वच्छा माने जाने वाले प्रधानमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी साक को धक्का लगा है. मनमोहन सिंह सरकार के कई मंत्री, सांसद और वरिष्ठ अधिकारी जेल में बंद हैं.
विपक्षी बीजेपी में मतभेद
सर्वदलीय बैठक से पहले अन्ना के आंदोलन को समर्थन दे रहे मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं.पार्टी के तीन प्रमुख सांसदों ने पार्टी नेतृत्व पर भ्रष्टाचार के मुद्दे को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया है और संसद से इस्तीफा देने की पेशकश की है. वित्त और विदेश मंत्री रह चुके यशवंत सिंहा, स्वास्थ्य मंत्री रहे पटना साहिब के सांसद शत्रुघ्न सिंहा और पूर्णिया के सांसद उदय सिंह ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक ने पार्टी नेतृत्व की आलोचना की.
लोकपाल मुद्दे पर रणनीति तय करने के लिए बुलाई गई बैठक में हजारीबाग के सांसद यशवंत सिंहा ने कहा कि बीजेपी लोकपाल के मुद्दे पर कड़ा रुख तय करने में विफल रही है जो भ्रष्टाचार विरोधी संघर्ष को आगे ले जाने के लिए जरूरी था. संसदीय दल की बैठक ने अन्ना हजारे के स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त की और उनसे अनशन समाप्त करने की अपील की. शत्रुघ्न सिंहा ने कहा कि स्पष्ट रवैया अपनाने के बदले पार्टी जबानी समर्थन देती रही है और कांग्रेस का इस्तेमाल पंचिंग बैग के रूप में कर रही है.
विदेशों में विरोध
अन्ना हजारे के आंदोलन को विदेशों में रहने वाले भारतीयों का भी समर्थन मिल रहा है. अक्सर उन्हें स्वयं भी देश में काम करवाने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है या भारत की गिरती छवि पर शर्मशार होना पड़ता है. कुछ जगहों पर प्रदर्शन भी हुए हैं. दुबई में कंसुल जनरल संजय वर्मा ने स्थानीय कानूनों का उल्लंघन न करने की अपील की है. जन लोकपाल बिल के समर्थन में निकाले गए मार्च के बाद कुछ लोगों की गिरफ्तारी खबर है.
भारतीय कंसुलेट मामले पर नजर रख रहा है और तीन गिरफ्तार लोगों और उनके परिवारों के संपर्क में है. संजय वर्मा ने वेबसाइट पर जारी एक अपील में कहा है कि मैं समझ सकता हूं कि बहुत से भारतीय भारत में चल रहे विरोध के साथ गहरी सहानुभूति रखते हैं. उन्होंने कहा, "चिंताओं को अभिव्यक्त करने का आसान रास्ता संयुक्त ज्ञापन देना है. ऐसा 170 लोगों के एक दल ने हाल में किया भी है जिसे कंसुलेट ने दिल्ली भेज दिया है."
विदेशों में रहने वाले सामान्य लोगों के अलावा सरकारी अधिकारियों में भी अन्ना हजारे के आंदोलन के लिए सहानुभूति है. भारत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में विदेशों में काम कर रहे दूतावास के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी देश में छुट्टियों के दौरान अपना जरूरी काम करवाने के लिए पैसे देने पड़ते हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: आभा एम