"सरकार से मिल जाएगी पाक टीम को हरी झंडी"
१७ जुलाई २०१२भारत ने सोमवार को ही क्रिकेट डिप्लोमेसी करते हुए इस बात का एलान किया कि वह पाकिस्तान की टीम को भारत बुला रहा है. मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों के बाद से दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंध टूटे हुए हैं. इस बीच उन्होंने सिर्फ एक बार वर्ल्ड कप के दौरान भारत में क्रिकेट खेला है, जिसमें भारत की जीत हुई.
बीसीसीआई के प्रवक्ता राजीव शुक्ला ने कहा, "निश्चित तौर पर हमें सरकार से अनुमति लेनी होगी. लेकिन मैंने गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय में बात की है. हमें इस बात में कोई शक नहीं है कि दौरा होगा." शुक्ला बीसीसीआई के अधिकारी के साथ साथ भारत सरकार में मंत्री भी हैं. उनके पास संसदीय कार्य मंत्रालय है.
नियमित क्रिकेट दौरे पर पाकिस्तान की टीम आखिरी बार 2007 में भारत आई थी. शुक्ला का कहना है कि वह नहीं चाहते थे कि भारत और पाकिस्तान के बीच का क्रिकेट किसी तीसरे देश में खेला जाए. इसलिए ऐसा समय निकाला गया, जब इंग्लैंड की टीम भारत में खेल कर लौटेगी और उस समय भारत के पास समय होगा.
भारतीय उप महाद्वीप में क्रिकेट के जुनून को देखते हुए दोनों देशों के बीच उच्च स्तर की बातचीत में भी क्रिकेट रिश्तों पर बातचीत होती रहती है. 2008 के आतंकवादी हमलों के बाद खराब हुए रिश्ते बहुत हद तक बेहतर हुए हैं और दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी एक दूसरे से मिल रहे हैं. इसी साल पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भारत का दौरा किया है, जबकि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी वर्ल्ड कप सेमीफाइनल मैच देखने पिछले साल मोहाली आए थे. तब उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मैच देखा.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष जका अशरफ ने भारत के इस कदम का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इससे बर्फ पिघलेगी और दोनों देशों के क्रिकेट रिश्ते बहाल करने में मदद मिलेगी. अशरफ ने पिछले साल अक्तूबर में ही पीसीबी के अध्यक्ष का पद संभाला है और वह तभी से कोशिश कर रहे थे कि बीसीसीआई के साथ क्रिकेट खेलने पर रजामंदी बना लें.
भारत ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद पाकिस्तान से सभी तरह के रिश्ते तोड़ लिए थे. जाहिर है कि क्रिकेट भी इसी का हिस्सा था. उस हमले में कम से कम 166 लोग मारे गए और हमले के बाद पकड़े गए एकमात्र आतंकवादी अजमल कसब के पाकिस्तानी नागरिक होने का सबूत मिल चुका है. भारतीय अदालत ने मुंबई की जेल में बंद कसब को मौत की सजा सुनाई है.
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट किसी जंग से कम नहीं होता और दोनों देशों के लोग अपने खिलाड़ियों को आपस में खेलते देखना चाहते हैं. बीसीसीआई के इस फैसले से भारत में भी आम तौर पर लोगों में खुशी है लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर का कहना है कि पाकिस्तान अभी भी पूरा सहयोग नहीं कर रहा है, "एक मुंबईकर होने के नाते मैं इस बात को नहीं समझ पा रहा हूं कि इस बात की क्या जल्दी थी अगर दूसरे तरफ से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है."
हालांकि बिशन सिंह बेदी ने इस फैसले का स्वागत किया है. पाकिस्तान के मौजूदा कप्तान मिस्बाह उल हक ने इसे "महान" खबर बताया, जबकि पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद भी क्रिकेट रिश्ते बहाल होने पर खुशी जता रहे हैं.
एजेए/ओएसजे (पीटीआई, एएफपी, रॉयटर्स)