साइकल रेस टूर दे फ्रांस शुरू
३ जुलाई २०१०स्पेन के कोंतादोर अब तक दो बार टूर दे फ्रांस के विजेता बन चुके हैं. इस बार भी वे कज़ाक कंपनी अस्ताना की टीम में शामिल हैं. पिछले साल अस्ताना की टीम में लैंस आर्मस्ट्रांग भी थे और कई साल से उनके सलाहकार जोहान ब्राइनेल टीम के मैनेजर थे.
पिछले साल अस्ताना से हिस्सा ले रहे कोंतादोर टीम में पैसों की कमी और खिलाड़ियों के बीच विवादों में फंस गए थे. आर्मस्ट्रांग के शामिल होने से टीम का ध्यान उन पर से हट गया था. इस बार पूरी टीम उन पर केंद्रित है जब कि आर्मस्ट्रांग रेडियोशैक की तरफ से खेल में हिस्सा ले रहे हैं.
एक अखबार से बातचीत में कोंतादोर ने कहा कि इस बार अस्ताना की टीम का माहौल पहले से बेहतर है और वे ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करेंगे. उनके साथ टीम में कजाख्स्तान के अलेंक्सांदर विनोकूरोव भी हिस्सा लेंगे. कोंतादोर का कहना है कि विनोकूरोव रेस में उनकी मदद करना चाहते हैं और इस टीम में उनके बहुत से दोस्त हैं. 27 साल के कोंतादोर से विश्लेषकों को बहुत उम्मीदें हैं. उनके उम्र और उनके अनुभव को देखते हुए वे एक बहुत कठिन प्रतिद्वंद्वी साबित हो सकते हैं.
कोंतादोर को हालांकि लक्जेम्बर्ग के श्लेक भाईयों से खतरा हो सकता है. पिछले साल टूर दे फ्रांस में 25 साल के एंडी श्लेक कोंतादोर के बाद दूसरे स्थान पर रहे थे और माना जा रहा है कि इस साल उन्होंने अपने आप को और अधिक तैयार किया है. लेकिन दिसंबर में एक हादसे में उनके घुटने में चोट आई थी और हो सकता है कि उनके प्रदर्शन पर इसका असर पड़े. दूसरी ओर 30 साल के उनके भाई फ्रांक श्लेक बहुत अच्छे फॉर्म में हैं. टूर दे लक्जेम्बर्ग में वह दूसरे स्थान पर आए और टूर दे स्विस के वे विजेता रहे. श्लेक भाईयों की सैक्सो बैंक टीम के मैनेजर ब्यॉर्न रीस का कहना है फ्रांक एक 'साइक्लिंग टैलेंट' हैं.
श्लेक भाईयों के अलावा आर्मस्ट्रांग भी इस साल कुछ कम नहीं हैं. लेकिन 39 साल के आर्मस्ट्रांग शायद अपनी बढ़ती उम्र का शिकार बन जाएं. आर्मस्ट्रांग ने अपने ट्विटर पेज पर कहा है कि यह उनका अंतिम टूर दे फ्रांस होगा. साल की शुरुआत में उनकी अंतड़ी में वायरस इंफेकशन का उनके प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है. मई में उनकी टीम के फ्लॉयड लैंडिस ने एक पत्रिका में कहा था कि आर्मस्ट्रांग सहित टीम के कई लोग प्रतिबंधित दवाईयों का इस्तेमाल करते हैं. लैंडिस ने खुद 2006 में टूर दे फ्रांस जीता था लेकिन डोपिंग साबित होने के बाद उनसे यह खिताब छीन लिया गया.
आर्मस्ट्रांग के अलावा सबकी नजरें इवान बासो पर हैं जो इस साल मई में जीरो दी इटली के विजेता बने.
रिपोर्टः एजेंसियां/एम गोपालकृष्णन
संपादनः महेश झा