सानिया-शोएब के ख़िलाफ़ फ़तवा
११ अप्रैल २०१०धार्मिक विद्वानों के संगठन सुन्नी उलेमा बोर्ड ने कहा है कि दोनों खिलाड़ी अपनी गतिविधियों के ज़रिए इस्लाम और मुस्लिम समुदाय को बदनाम कर रहे हैं. बोर्ड फ़तवा जारी कर उनकी गतिविधियों को हराम बताया है और मुसलमानों को 15 अप्रैल को होने वाली शादी से दूर रहने को कहा है. मौलाना हसीबुल हसन सिद्दिक़ी ने कहा, "साथ रहने और साथ में मीडिया से बात करने की जिस तरह की गतिविधियां दोनों कर रहे हैं, वह इस्लाम में हराम है."
शोएब मलिक भारत पहुंचने के बाद एक सप्ताह से सोनिया के घर रह रहे हैं और टेलिविज़न की तस्वीरों में उन्हें साथ साथ वर्जिश करते दिखाया गया है. मौलाना सिद्दिक़ी ने कहा, "इस्लाम मर्द और औरत को निकाह से पहले सिर्फ़ एक बार एक दूसरे को देखने की अनुमति देता है और शादी के पहले साथ रहने या इस तरह की गतिविधियों की इजाज़त नहीं देता."
तीन साल पहले सुन्नी बोर्ड ने सानिया मिर्ज़ा के ख़िलाफ़ विवाहपूर्व सेक्स के समर्थन के लिए फ़तवा जारी किया था. लेकिन सानिया ने इस बात का खंडन किया था कि उसने इस तरह की बात कही थी.
शोएब मलिक निकाहनामा पर दस्तख़त की बात स्वीकार करने के बावजूद आयेशा सिद्दिक़ी से शादी से इंकार करने के लिए मुस्लिम धार्मिक नेताओं की आलोचना झेल रहे हैं. आयेशा द्वारा धोखाधड़ी का माला दर्ज़ किए जाने के बाद शोएब ने आयशा को पिछले सप्ताह तलाक़ दे दिया.
इस बीच सानिया के एक प्रवक्ता ने कहा है कि परंपराओं के मुताबिक शोएब 15 अप्रैल को होने वाली शादी से पहले सानिया का घर छोड़कर चले गए हैं. यह स्पष्टीकरण सुन्नी उलेमा बोर्ड द्वारा फ़तवा जारी किए जाने के बाद आया. प्रवक्ता ने कहा कि कुछ हल्कों ग़लतफ़हमी हुई है. "दुल्हा मिर्ज़ा निवास में कुछ दिनों से नहीं रह रहा है. उसकी मां और परिवार के अन्य सदस्य मेहमानों के तौर पर मिर्ज़ा निवास में रह रहे हैं." बयान में यह नहीं कहा गया है कि शोएब सानिया मिर्ज़ा का घर छोड़कर कब गए. 2 अप्रैल को भारत पहुंचने के बाद से वे सानिया मिर्ज़ा के घर में रह रहे थे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एम गोपालकृष्णन