साल भर के झगड़े के बाद गले मिले हैमिल्टन और मासा
२९ नवम्बर २०११ब्राजील में 2011 के फॉर्मूला वन सत्र के समापन के साथ सभी टीमों को एक विलक्षण नजारा दिखा. एक दूसरे को फूटी आंख न सुहाने वाले मैकलैरेन के लुइस हैमिल्टन ने फरारी ड्राइवर फिलिपे मासा के पास गए, दोनों के बीच गंभीर ढंग से बातचीत शुरू हुई. कुछ देर बाद दोनों मुस्कुराने लगे और गले लग गए. इस साल एक दूसरे से जान बूझ कर छह बार भिड़ने वाले इन ड्राइवरों ने तल्ख हो चुके आपसी झगड़े को खत्म करने की कोशिश की. 26 साल के हैमिल्टन ने कहा, "यह अच्छा था. फिलिपे के साथ अच्छी बातचीत हुई. मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं और अगले साल उनके साथ रेस में हिस्सा लेने का इंतजार कर रहा हूं."
वहीं 30 साल के ब्राजीलियन ड्राइवर मासा ने कहा, "मुझे इस बात से खुशी हुई कि लुइस मुझसे मुलाकात करने मेरे पास आए. उनकी तरफ से यह अच्छी पहल थी."
2011 का फॉर्मूला वन सत्र चैंपियन सेबास्टियन फेटल, इंडियन ग्रां प्री और मासा व हैमिल्टन तीखी नोंक झोंक के लिए याद किया जाएगा. हैमिल्टन और फरारी के नौजवान फिलिपे मासा के बीच इस साल की शुरुआत से ही झगड़े होने लगे.
दोनों युवा ड्राइवरों के बीच नोंक झोंक इस कदर बढ़ गई कि दोनों रेस ट्रैक पर गाड़ियां भिड़ाने लगे. मई में मोनाको में दोनों की कारें छू गईं. सितंबर में सिंगापुर ग्रां प्री के क्वालिफाइंग में दोनों टकराते टकराते बचे. लेकिन दो दिन बाद रेस के दौरान हैमिल्टन मासा को कट मारते हुए आगे निकल गए. हल्की टक्कर की वजह से मासा का टायर पंचर हो गया और उन्हें रेस छोड़नी पड़ी.
इसके बाद तो हैमिल्टन और मासा बीच रेस ट्रैक पर महाभारत शुरू हो गया. अक्टूबर में जापान में दोनों फिर टकराए. हैमिल्टन ने गलती स्वीकार की.
हद तो तब हो गई जब अक्टूबर में भारत की पहली फॉर्मूला वन रेस में दोनों जबरदस्त ढंग से भिड़ गए. रेस के दौरान हल्के से मोड़ पर मासा ने कट मारते हुए हेमिल्टन को ओवरटेक करने की कोशिश की. हैमिल्टन ने भी अपनी स्पीड बिल्कुल कम नहीं की. दोनों की कारें भिड़ी और हैमिल्टन मासा को घसीटते हुए ट्रैक से बाहर ढकेल गए.
यह तो बड़े मामले हैं. इनके अलावा मासा और हैमिल्टन करीबन हर दूसरी रेस के दौरान एक दूसरे को जोखिम में डालते दिखाई पड़े.
फरारी ने मासा को और मैक्लारेन ने हैमिल्टन को बहुत समझाया भी. लेकिन दोनों ड्राइवर बाज नहीं आए. सत्र के समापन के मौके पर हैमिल्टन ने अपनी टीम से भी माफी मांगी और उम्मीद जताई कि अगले साल भी उनके हाथ में मैक्लारेन का स्टीरिंग होगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल