"सावधान! वामपंथी जीत जाएंगे"
१५ नवम्बर २०१०अपने भाषण में अंगेला मैर्केल ने स्वीकार किया कि सीडीयू-सीएसयू व एफडीपी की साझा सरकार बनने के बाद उसका तौर तरीका किसी हद तक निराशाजनक रहा. लंबे समय तक विपक्ष में रहने के बाद इन दलों को सबसे पहले एक दूसरे को समझना था. लेकिन उन्होंने कहा कि काम के मामले में यह सरकार काफी सफल रही है. एफडीपी के साथ मोर्चे का भरपूर समर्थन करते हुए उन्होंने एसपीडी या ग्रीन पार्टी के साथ सरकार बनाने की संभावना से पूरी तरह इंकार किया. उन्होंने कहा कि एसपीडी के साथ महागठबंधन, ग्रीन पार्टी के साथ मोर्चा या यूनियन दलों के साथ ग्रीन और एफडीपी का मोर्चा वर्तमान सरकार के विकल्प नहीं हैं. अंगेला मैर्केल ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि उनके पास कोई वास्तविक विकल्प नहीं है और वे राजनीतिक जिम्मेदारी से कतरा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीडीयू-सीएसयू और एफडीपी के मोर्चे का उद्देश्य है एसपीडी, वामपंथी पार्टी व ग्रीन पार्टी की एक सरकार को रोकना.
पार्टी के बाज हलकों से करों में कमी की मांग को पार्टी अध्यक्ष व चांसलर ने साफ साफ ठुकरा दिया. उन्होंने कहा कि संघीय सरकार को कर्ज कम लेना पड़ा है, लेकिन उसकी आमदनी अभी भी कम है. मैर्केल ने कहा कि बजट को संतुलित बनाना व कर प्रणाली को आसान बनाना उनकी प्राथमिकताएं हैं. उसके बाद करों में कमी की बात सोची जा सकती है.
पार्टी अधिवेशन से पहले वित्तमंत्री वोल्फगांग शॉएबले की आलोचना हो रही थी व उनके इस्तीफे की अफवाहें थीं. अंगेला मैर्केल ने स्पष्ट रूप से उनके कामों की सराहना करते हुए उनके प्रति अपना आभार व्यक्त किया.
पार्टी अधिवेशन में अब नए नेतृत्व का चुनाव हो रहा है. अंगेला मैर्केल फिर एकबार पार्टी अध्यक्ष के पद के लिए उम्मीदवार हैं. अधिवेशन में कई नए उपाध्यक्ष भी चुने जाने वाले हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: वी कुमार