सिगरेट की बट का इस्तेमाल
२८ जनवरी २०१३प्रिंस्टन कॉलेज से पढाई छोड़ कर कचरे की रिसाइक्लिंग से सामान बनाने का बिजनेस शुरू करने वाले टॉम स्जाकी के पास ऐसा ही एक तरीका है जिससे सिगरेग का फायदा उठाया जा सकता है. 30 वर्षीय सैकी ने पढ़ाई छोड़ कर न्यू जर्सी के ट्रेंटन में अपनी कम्पनी 'टेरासाइकिल' की शुरुआत की है. वह कहते हैं दुनिया में कचरे जैसी कोई चीज नहीं होती, हर चीज का इस्तेमाल है, यहां तक कि सिगरेट पीने के बाद बचे बट यानी ठुड्डी का भी.
स्जाकी की कम्पनी लोगों से सिगरेट के बचे हुए बट जमा करती है और फिर उससे प्लास्टिक बना देती हैं, जिसका इस्तेमाल प्लास्टिक का सामान बनाने में किया जाता है. कई बार स्जाकी उसी से प्लास्टिक की ऐशट्रे भी बना देते हैं. सबसे पहले वह बुझी हुई सिगरेट पर बचा तम्बाकू और कागज अलग करते हैं. इसके बाद बट का वह हिस्सा जिसमें फिल्टर हेता है, उसे पिघलाया जाता है. फिल्टर वाला यह हिस्सा सेलुलोस एसिटेट का बना होता है. पिघले हुए इस हिस्से से प्लास्टिक बनता है. उन्होंने बताया कि एक ऐशट्रे बनाने में लगभग 100 से 200 बट लगते हैं जबकि करीब दो लाख बट से एक कुर्सी बन जाती है. उन्हें कच्चे माल यानि बट की कमी की भी कोई संभावना नहीं दिख रही है.
एक साथ कई फायदे
टेरासाइकिल को इस काम के लिए तम्बाकू बनाने वाली कम्पनी से आर्थिक मदद भी मिल रही है क्योंकि इसके जरिए उन्हें प्रचार मिल रहा है. सिगरेट बट जमा करने वालों को कम्पनी की तरफ से हर बट पर एक प्वाइंट मिलता है जिसका फायदा चैरिटी को जाता है. इसके अलावा सड़कों पर बिखरी रहने वाले सिगरेट बट भी अब कम दिखते हैं. टेरासाइकिल इस प्लास्टिक से बने उत्पादों को वॉलमार्ट और होलफूड जैसी कम्पनियों को बेचकर और बिजनेस बढ़ा रही है. जूस के खाली पैकेट, खाली बोतलें, पेन, चाय और कॉफी के यूज एंड थ्रो प्लास्टिक कप, कैंडी के रैपर और टूथब्रश से लेकर कम्प्यूटर कीबोर्ड तक हर चीज टेरासाइकिल के काम की है. कई बार इनको पिघलाकर बिल्कुल ही नया उत्पाद बन जाता है और कई बार थोड़े ही फेर बदल के बाद उनका किसी और काम में इस्तेमाल हो जाता है, जैसे कैंडी के रैपर का किताबों की जिल्द में इस्तेमाल.
स्जाकी के अनुसार, "टेरासाइकिल का मकसद है उन चीजों को रिसाइकिल करना जिनको आमतौर पर नहीं किया जाता है. हम सिगरेट बट से लेकर उसकी पैकिंग तक हर चीज को दोबारा इस्तेमाल कर रहे हैं."
विस्तार की उम्मीद
सिगरेटट बट से रिसाइक्लिंग का यह प्रोजेक्ट स्जाकी ने कनाडा में शुरू किया था. उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट इतना कामयाब हुआ कि कुछ ही समय में 10 लाख से ज्यादा ठुड्डियां इकट्ठा हो गईं. इस प्रोजेक्ट ने तम्बाकू कम्पनियों को भी इतना चौंका दिया कि उन्होंने इसे अमेरिका और स्पेन में भी शुरू करने की मांग की और इस तरह बात आगे बढ़ी. स्जाकी को उम्मीद है कि आने वाले चार महीनों में वह इस कारोबार को यूरोप में भी बढ़ा पाएंगे.
वह कहते हैं कि सिगरेट कम्पनियां उन्हें इस काम को बढ़ावा देने के लिए पूरी आर्थिक मदद तो देती हैं साथ ही इसके प्रचार के लिए भी तैयारी कर रही हैं. स्जाकी की कम्पनी में लगभग 100 कर्मचारी काम करते हैं. वह कहते हैं, "मैं चाहता हूं कि दुनिया में कोई ऐसी चीज न बचे जिसका दोबारा इस्तेमाल न हो सके. कचरे जैसा कुछ भी बाकी नहीं रहना चाहिए."
रोक की जगह प्रचार
हालांकि स्जाकी का यह प्रोजेक्ट कलात्मकता का अच्छा उदाहरण है लेकिन सिगरेट जैसे उत्पानों के प्रचार में मदद के चलते दूसरे सवाल भी खड़ा करता है. दुनिया भर में बुरी तरह बढ़ रहे कैंसर मरीजों की संख्या देखते हए कई देशों में सिगरेट के दाम भी ऊंचे रखे गए हैं. ऐसे में स्जाकी की दुनिया को कचरा रहित करने वाली सोच तो समझ आती है लेकिन सिगरेट कम्पनियों का प्रचार के लिए उनसे जुड़ना धूम्रपान को बढ़ावा देने की तरफ भी इशारा करता है.
एसएफ/ओएसजे (एएफपी)