इदलिब में तुर्की के सैनिकों पर हवाई हमला
२८ फ़रवरी २०२०सीरिया के उत्तर-पश्चिमी इदलिब प्रांत में सीरियाई सेना के हवाई हमले में एक दर्जन से अधिक तुर्की सैनिकों के घायल होने की भी खबर है. सीरिया की सीमा से सटे तुर्की के हातय प्रांत के गवर्नर रहमी डोगन के मुताबिक घायल सैनिकों को इलाज के लिए तुर्की ले जाया गया है. उत्तर-पश्चिमी इदलिब प्रांत में हफ्तों से चले आ रहे तनाव के बाद बड़ा नुकसान हुआ है. इदलिब में मौजूदा समय में विद्रोहियों का कब्जा है और कहा जाता है कि विद्रोहियों को तुर्की की सेना समर्थन दे रही है और रूस की समर्थन वाली सीरियाई सेना इदलिब को छुड़ाना चाहती है.
अमेरिका ने हमले की निंदा की है और संयुक्त राष्ट्र ने इस हमले के बाद तेजी से बढ़ते जोखिम पर चिंता जाहिर की है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेस ने तत्काल युद्धविराम की अपील करते हुए एक बयान में कहा, "तत्काल कार्रवाई नहीं होने से हर घंटे तनाव का जोखिम बढ़ता जाएगा.”
दूसरी ओर अमेरिका ने भी हमले को लेकर चिंता जताते हुए कहा है कि वॉशिंगटन अपने नाटो सहयोगी तुर्की के साथ खड़ा है. एक बयान में अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, "असद शासन, रूस और ईरान समर्थित बलों का यह घिनौना अभियान तुरंत बंद होना चाहिए.” नार्थ अटलांटिक ट्रीटी आर्गेनाइजेशन (नाटो) के प्रमुख जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने सभी पक्षों से तनाव कम करने की अपील की है. उन्होंने स्थिति को "खतरनाक” करार दिया है.
तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत चावुशोग्लु के साथ फोन पर बातचीत में स्टोल्टेनबर्ग ने रूस समर्थित सीरियाई सेना के इदलिब प्रांत में लगातार हो रहे हमले की निंदा की. तुर्की ने सीरियाई शासन से तुर्की निगरानी पोस्ट से हटने का आग्रह किया है. उधर रुस ने तुर्की पर "आतंकियों” की मदद का आरोप लगाया है. इदलिब में शांति बहाली के लिए 2018 में रूस और तुर्की के बीच समझौता हुआ था और तुर्की की वहां 12 निगरानी चौकियां हैं, लेकिन कई चौकियां बशर अल असद की सेना के निशाने पर हैं. इदलिब में हुए हमले के बाद तुर्की के राष्ट्रपति ने आनन-फानन में आपात बैठक बुलाई. ताजा हमले के बाद इस महीने में तुर्की की सेना के 53 जवान अब तक मारे जा चुके हैं.
दूसरी ओर तुर्की के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि तुर्की सीरियाई शर्णार्थियों को यूरोप जाने से नहीं रोकेगा, रूस समर्थित सीरियाई सेना के इलाके पर कब्जे के बाद से करीब दस लाख शरणार्थी दिसंबर महीने से तुर्की की सीमा के पास रह रहे हैं. सालों से जारी युद्ध के कारण यह सबसे गंभीर शरणार्थी संकट है. एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, "हमने सीरियाई शरणार्थियों को जमीन या समुद्र के रास्ते यूरोप पहुंचने से नहीं रोकने का फैसला किया है. सभी शरणार्थी जिनमें सीरियाई भी शामिल हैं उनका यूरोपीय संघ में दाखिल होने का स्वागत है.” एक अनुमान के मुताबिक फिलहाल तुर्की में 37 लाख सीरियाई शरणार्थी आधिकारिक रूप से रह रहे हैं.
एए/एनआर (एएफपी, रॉयटर्स)
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