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सीरिया के रक्षा मंत्री मारे गए

१८ जुलाई २०१२

बुधवार को एक आत्मघाती हमले में सीरिया के रक्षा मंत्री जनरल दाउद राहजा और राष्ट्रपति बशर उल अशद के बहनोई आसिफ शौकत की मौत हो गई. ताजा हिंसा में 60 से ज्यादा लोग मारे गए.

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आसिफ शौकततस्वीर: picture-alliance/dpa

इस बीच संयुक्त राष्ट्र में सीरिया के खिलाफ सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को रूस ने खारिज कर दिया. बुधवार को एक बम हमले में सरकार के दो मंत्रियों की मौत हो गई. 16 महीनों सें चली आ रही जंग में पहली बार राष्ट्रपति असद के करीबी लोगों को निशाना बनाया गया है. सीरिया के गृह मंत्री मोहम्मद अल शार और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुख जनरल हिशम हिकमतयार इस हमले में घायल हुए हैं.

राजधानी दमिश्क पर कब्जे के लिए शुरू हुई निर्णायक जंग के चौथे दिन यह हमला हुआ. सीरिया के मानवाधिकार संगठन ने शौकत की मौत को सीरियाई शासन के लिए बड़ा झटका बताया है. आसिफ शौकत सीरिया के उप रक्षा मंत्री और मिलीट्री इंटेलिजेंस के पूर्व प्रमुख थे. मानवाधिकार संगठन के मुताबिक शौकत क्रांति को दबाने के लिए लगातार हो रही कार्रवाई में प्रमुख भूमिका निभा रहे थे. इस बीच सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने नए रक्षा मंत्री की नियुक्त कर दी है. सरकारी टीवी चैनल ने खबर दी है कि फहद अल फरजी को नया रक्षा मंत्री बनाया है.

उधर, संयुक्त राष्ट्र में पश्चिमी देशों के समर्थन से लाए गए सीरिया के खिलाफ प्रस्ताव को रूस ने यह कह कर खारिज कर दिया कि इसे स्वीकार करने का मतलब होगा विपक्षी दलों की क्रांतिकारी गतिविधियों का साथ देना, जो सीरिया पर कब्जे के लिए आखिरी जंग छेड़ चुके हैं. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा, "अब दमिश्क ज्वालामुखी बन चुका है, राजधानी पर कब्जे की लड़ाई है और सीरिया में निर्णायक जंग छिड़ चुकी है. प्रस्ताव को मानना क्रांतिकारी गतिविधि का साथ देना होगा. अगर हम क्रांति की बात कर रहे हैं तो संयुक्त राष्ट्र का उससे कोई लेना देना नहीं."

रूसी विदेश मंत्री ने तुर्की के प्रधानमंत्री रेचप तैयप एर्दोवान की रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन से मॉस्को में मुलाकात के दौरान अलग से यह बात कही. सुरक्षा परिषद बुधवार को ही चैप्टर 7 के तहत सीरिया पर प्रतिबंध के प्रस्ताव पर वोटिंग करने वाली है. इसके नियम के तहत प्रतिबंध लगाने का मतलब है कि बात न मानने पर सीरिया में अंतरराष्ट्रीय सेना बल प्रयोग कर सकेगी. लावरोव ने पत्रकारों से कहा कि विपक्ष को शांत करने की बजाए कुछ सहयोगी देश दोनों पक्षों को एक दूसरे से दूर ले जा रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून फिलहाल चीन के दौरे पर हैं. बीजिंग में चीन के नेताओं से मुलाकात के बाद उन्होंने सुरक्षा परिषद से सीरिया में हिंसा रोकने का आग्रह किया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सीरियाई सरकार के भारी हथियारों को वापस न लेने की सूरत में प्रतिबंध लगाने की तैयारी की है. चीन सुरक्षा परिषद के उन पांच सदस्यों में शामिल है जिनके पास वीटो का अधिकार है.

16 महीने से चले आ रहे सीरिया के संकट के दौरान चीन इससे पहले दो मौकों पर राष्ट्रपति बशर अल असद के प्रमुख सहयोगी रूस के साथ जा चुका है. राजनयिकों के मुताबिक राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ के साथ पहले ही बात कर चुके हैं और दोनों पक्षों में सीरिया पर आने वाले सुरक्षा परिषद के नए प्रस्ताव के विरोध के लिए सहमति बन चुकी है. बान की मून ने राष्ट्रपति हू जिंताओ और विदेश मंत्री से मिलने के बाद पत्रकारों से कहा, "हम इस तरह से नहीं चल सकते. मैंने यह बता दिया है कि स्थिति कितनी खराब है और अब चीन के नेता मेरी इस राय को मान रहे हैं कि हालात बेहद गंभीर हैं."

एनआर/ (रॉयटर्स, एएफपी)

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