सीरिया में गृहयुद्ध का खतरा: अन्नान
८ जून २०१२इसके लिए उन्होंने राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार को दोषी ठहराया. अन्नान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अपील की है कि यदि असद देश में हिंसा को नहीं रोकते हैं तो परिषद उन्हें उसके परिणाम भुगतने की चेतावनी दे. अन्नान ने पहली बार यह भी माना कि उनके द्वारा तैयार की गई छह बिंदुओं वाली योजना को अमल में नहीं लाया जा सका है. उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र की ताकतवर सुरक्षा परिषद और अंतरराष्ट्रीय समुदाय मिल कर असद पर दबाव बनाएं और योजना को अमल में लाएं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि देशों को ऐसा लगता है कि यह योजना ठीक नहीं है तो फौरन नई योजना पर विचार शुरू करना होगा.
अति बर्बरता
सीरिया में पिछले दो हफ्तों में दो बार नरसंहार के मामले सामने आए हैं. इनमें करीब दो सौ लोगों की जान जा चुकी है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने इसे "अवर्णनीय बर्बरता" का नाम दिया है. बान ने भी माना की सीरिया को ले कर अन्नान के प्रयास पर्याप्त नहीं दिख रहे.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सीरिया को ले कर बंटी हुई दिख रही है. जहां एक तरफ परिषद के बाकी सभी सदस्य एकजुट हैं, वहीं दूसरी तरह चीन और रूस असद का साथ देते नजर आ रहे हैं. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लियु वाइमिन इस बात का जवाब देने से बचते रहे कि क्या चीन अन्नान की योजना का समर्थन करता है. वाइमिन ने कहा कि सीरिया में जरूरी है कि दोनों पक्ष शांति स्थापित करने के लिए कदम लें, "मेरे ख्याल में सीरिया की सरकार और विपक्ष दोनों को ही जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेनी होगी और हिंसा को रोकना होगा."
वहीं रूस के विदेश मंत्री सेरगई लावरोव ने एक अंतरराष्ट्रीय कॉन्फरेंस का सुझाव दिया है जिसमें उन सब देशों को बुलाया जाए जो किसी तरह सीरिया पर प्रभाव डाल सकते हैं. रूस का कहना है कि यह सुझाव अन्नान की शांति योजना के लिए मददगार साबित हो सकता है. अमेरिका भी रूस पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है ताकि वह असद के खिलाफ कदम उठाने में साथ दे. अमेरिका की विदेश मंत्री हिलरी क्लिंटन शुक्रवार को कोफी अन्नान के साथ बैठक कर रही हैं.
आईबी/एएम (एपी, रॉयटर्स)