सीरिया में ताजा हिंसा में 80 की मौत
१७ जून २०१२रविवार को होम्स शहर में हुई ताजा हिंसा में कम से कम ग्यारह लोगों की जान चली गई. सीरिया में मानावाधाकारों पर नजर रखने वाली संस्था सीरियन ऑब्जरवेट्री फॉर ह्यूमन राइट्स ने इसकी पुष्टि की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सेनाएं कई दिनों से होम्स और उसके आसपास के इलाकों में घुसने की फिराक में हैं. रविवार को उन्होंने पूरे इलाके में गोलाबारी की.
समाचार एजेंसी एएफपी से स्काइप पर बात करते हुए एक विपक्षी कार्यकर्ता अबू बिलाल ने कहा, "वे पूरा वक्त हम पर गोलीबारी कर रहे हैं. हमारे पास खाना और पानी बहुत ही कम बचा है और हमारी दवाएं भी खत्म हो रही हैं." बिलाल ने बताया कि हमलों में कई लोग घायल हुए हैं "और समय पर दवाइयां नहीं मिलने से उनमें से कई लोग मारे जा सकते हैं, लेकिन हम उन्हें वहां से बाहर ही नहीं निकाल पा रहे हैं."
इंटरनेट पर डाले गए वीडियो में खाली सड़कें और बमबारी के कारण तबाह हो चुकी इमारतों को देखा जा सकता है. वीडियो में एक औरत ने रोते हुए कहा, "हमारे पास बच्चों के लिए दूध भी नहीं है, ना पानी है, ना बिजली. हम बस किसी तरह अपने बच्चों को यहां से बाहर निकलाना चाहते हैं." सीरियन ऑबजरवेट्री ने शनिवार को कहा कि होम्स में करीब एक हजार परिवार फंसे हुए हैं और वहां चिकित्सा सुविधाओं की भारी कमी है.
संयुक्त राष्ट्र से नाराजगी
विपक्षी पार्टी सीरियन नेशनल काउंसिल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से मांग की है कि पर्यवेक्षकों को हथियार रखने की अनुमति दी जाए. संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया से पर्यवेक्षकों को वापस बुलाने का फैसला किया है. पार्टी ने इस बारे में कहा, "ऐसे वक्त में जब सरकार सीरिया के लोगों पर सबसे घोर अपराध कर रही है, हम इस बात से हैरान हैं कि संयुक्त राष्ट्र ने यहां अपना काम निलंबित करने का फैसला लिया है, वह भी इसलिए क्योंकि उनका मानना है कि यहां हिंसा तीव्र हो गई है."
संयुक्त राष्ट्र ने शनिवार को "तीव्र हिंसा" को वजह बताते हुए सीरिया में कार्यक्रम को निलंबित किया. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि तीन सौ लोगों के दल को सीरिया में खतरा था और दल के सदस्यों ने भी इस बात की शिकायत की थी.
सीरिया में पिछले 15 महीनों से चल रही हिंसा में अब तक 14,400 लोगों की जान जा चुकी है. देश में पूर्व संयुक्त राष्ट्र महासचिव कोफी अन्नान की छह बिंदुओं वाली संघर्ष विराम योजना पूरी तरह विफल होती दिख रही है.
आईबी/एएम (एएफपी)