सीरिया में सरकारी हिंसा के बीच लावरोव का दौरा
७ फ़रवरी २०१२रूसी समाचार एजेंसियों के अनुसार मंगलवार को दमिश्क में हुई भेंट में असद ने देश में हिंसा समाप्त करने की तैयारी पर जोर दिया. लावरोव ने असद से मुलाकात के दौरान कहा, "हर देश के हर नेता को अपनी जिम्मेदारी के प्रति सचेत होना चाहिए." सीरिया विवाद में रूस की भूमिका विवादों में है. उसने और चीन ने सुरक्षा परिषद में पश्चिमी देशों के प्रस्ताव को वीटो कर दिया था.
उधर सीरिया में बढ़ती हिंसा के बीच सेना ने विपक्ष के गढ़ होम्स के रिहायशी इलाकों पर हमला जारी रखा. विपक्ष के अनुसार 30 लोग मारे गए हैं. अल अरबिया चैनल ने असद के विरोधियों के गढ़ से सीधा प्रसारण किया, जिसमें धमाकों की आवाज सुनी जा सकती थी. सरकारी समाचार एजेंसी साना ने कहा है कि सरकारी सैनिक हथियारबंद आतंकी गुटों का पीछा कर रहे हैं. सोमवार को दर्जनों आतंकी मारे गए हैं. मार्च 2011 में सीरिया में सरकार विरोधी विद्रोह शुरू होने के बाद से 6000 लोग मारे जा चुके हैं.
रूस के अनुसार सीरिया और अधिक पर्यवेक्षकों के साथ अरब लीग के एक नए पर्यवेक्षक दल को देश आने देने के लिए तैयार है. इसके अलावा राष्ट्रपति असद नए संविधान पर जनमत संग्रह कराने के लिए भी तैयार हैं. जनवरी में अरब लीग ने बढ़ती हिंसा के कारण अपने पर्यवेक्षकों को वापस बुला लिया था. लावरोव ने कहा है कि पर्यवेक्षक दल की तैनाती से हालात गंभीर रूप से सुधर सकते हैं.
इसके अलावा रूस विपक्ष के साथ अलग से बातचीत भी जारी रखेगा और वह अरब लीग के पर्यवेक्षकों के साथ सहयोग के लिए तैयार है. लावरोव ने कहा, "यह साफ है कि हिंसा की समाप्ति के प्रयासों के साथ सभी राजनीतिक ताकतों के साथ संवाद भी होना चाहिए." इसके विपरीत सीरियाई विपक्ष का कहना है कि रूस इस बीच समस्या का हिस्सा है वह समाधान का हिस्सा नहीं हो सकता.
अमेरिका के बाद अब इटली, फ्रांस, स्पेन, ब्रिटेन और डेनमार्क ने अपने राजदूतों को दमिश्क से वापस बुला लिया है. जर्मन दूतावास कुछ समय से कुछ ही लोगों के साथ काम कर रहा है. अमेरिका ने अपने दूतावास को सोमवार तो अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया था और अमेरिकी नागरिकों को देश छोड़ देने को कहा है.
उधर चीन ने कहा है कि वह सीरिया के मामले पर परामर्श के लिए अपने दूत को मध्य एशिया भेजने पर विचार कर रहा है. अरब लीग के प्रमुख नबील इलाराबी ने कहा था कि रूस और चीन के प्रस्ताव को वीटो कर अरब दुनिया में राजनयिक साख खो दी है.
बर्लिन में दो संदिग्ध सीरियाई जासूसों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन पर सालों से सीरियाई खुफिया एजेंसी के लिए जर्मनी में रहने वाले विपक्ष के समर्थकों पर नजर रखने का संदेह है. इसमें छह अन्य लोगों ने उनकी मदद की. जर्मन विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने इन गिरफ्तारियों के बाद सीरिया के राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब किया और कहा कि जर्मनी में सीरिया सरकार के विरोधियों को डराने की घटनाओं को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
रिपोर्ट: डीपीए, एएफपी/महेश झा
संपादन: ए जमाल