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सुरक्षा परिषद के विस्तार पर चर्चा

२७ जनवरी २०१२

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विस्तार करने की कोशिश की जा रही है. इस सिलसिले में चार देशों के समूह जी-4 की ओर से दिए गए प्रस्ताव का कई देशों ने समर्थन किया है.

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तस्वीर: AP

जी-4 समूह में भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान शामिल हैं. ये चारों सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्यता के दावेदार हैं. संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत हरदीप पुरी ने प्रस्ताव की पुष्टि करते हुए बताया कि सुरक्षा परिषद के विस्तार के प्रस्ताव पर 85 देशों ने इसके पक्ष में हस्ताक्षर किए हैं. पुरी ने कहा कि 53 देशों ने समर्थन जताया है, जबकि 14-15 देश अभी अपनी राय बना रहे हैं.

21वीं सदी के भूराजनैतिक मसलों को ध्यान में रखते हुए जी-4 के सदस्य देश लंबे समय से सुरक्षा परिषद के स्थाई और अस्थाई सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. सुरक्षा परिषद में बदलाव को ले कर चल रही पांच दौर की चर्चा के पहले दिन पुरी ने कहा कि प्रस्ताव का यूरोप के कई देशों ने पुरजोर समर्थन किया है. बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि पुर्तगाल, ग्रीस, हंगरी और स्लोवेनिया ने अपना समर्थन व्यक्त किया है.

प्रस्ताव के पारित होने पर पुरी काफी सकारात्मक दिखे. उन्होंने कहा, "यह बेहद अच्छी शुरुआत है और आने वाले महीनों में हमें इस पर बहुत ध्यान से काम करना होगा ताकि हम इसे और मजबूती के साथ आगे बढ़ा सकें." साथ ही पुरी ने चीन के जी-4 देशों के प्रस्ताव के विरोध की खबरों को भी खारिज किया है. उन्होंने कहा, "मैंने इस प्रस्ताव को लेकर चीन का आधिकारिक बयान पढ़ा है. उन्होंने कहा है कि वे सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए जरूरी बदलाव करने के पक्ष में हैं. इतना ही नहीं, चीन ने तो सुरक्षा परिषद में अफ्रीका समेत विकासशील देशों की हिस्सेदारी बढ़ाए जाने की भी सिफारिश की है."

रिपोर्ट: पीटीआई/ईशा भाटिया

संपादन: महेश झा