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सुरेश कलमाड़ी के दावों की हवा निकली

३१ जुलाई २०१०

प्रेस कांफ्रेंस के जरिए भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करने वाले कलमाड़ी की मुश्किलें बढ़ी. बिना करार किए पैसा बांटने के मामले में भारतीय उच्चायोग ने भी कलमाड़ी के दावों को खारिज किया. परत दर परत खुल रहा है मामला.

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तस्वीर: UNI

भारतीय ओलंपिक संघ और कॉमनवेल्थ खेल आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी ने भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज किया है. लेकिन कलमाड़ी ने यह स्वीकार कर लिया है कि ब्रिटेन की एक कंपनी के साथ उन्होंने कोई करार नहीं किया. शनिवार को सुरेश कलमाड़ी ने एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई. जिसमें उन्होंने कॉमनवेल्थ खेल समिति पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को सिरे से खारिज किया. हालांकि कलमाड़ी यह नहीं बता सके कि करार के बिना ब्रिटिश कंपनी एएस फिल्म्स को करोड़ों रुपये कैसे दिए गए.

सफाई देने की कोशिश में उन्होंने कहा, ''ओलंपिक समित और एएम फिल्म्स के बीच कोई करार नहीं हुआ था. लेकिन लंदन में भारतीय उच्चायुक्त की सिफारिश पर एएम फिल्म्स के साथ काम किया गया.''

Der Indische Sportminister M S Gill
मामले पर खेल मंत्री की नजरतस्वीर: AP

लेकिन कलमाड़ी के दावे की हवा थोड़ी ही देर में निकल गई. लंदन में भारतीय उच्चायोग ने बयान जारी कर कहा कि उसने किसी एएम फिल्म्स की सिफारिश नहीं की. दरअसल भारतीय ओलंपिक समिति ने एएम फिल्म्स को ढाई लाख पाउंड की रकम चुकाई. मामला तब सामने आया जब आयोजन समिति ने यह पैसा टैक्स रिफंड के जरिए वापस लेना चाहा.

भारतीय नियमों के मुताबिक सरकारी क्षेत्र के बड़े सौदे बिना टेंडर प्रक्रिया के नहीं किए जा सकते हैं. ऐसे में कलमाड़ी एंड कंपनी पर शिकंजा कस सकता है. आखिर कैसे उन्होंने बिना किसी टेंडर प्रक्रिया या करार के एएम फिल्म्स की झोली भर दी. इतना सब होने के बाद भी कलमाड़ी दावा कर रहे हैं कि कॉमनवेल्थ खेलों के आयोजन से जुड़ी एक एक पाई का हिसाब उनके पास है. उनका दावा है कि पूरी पारदर्शिता बरती गई है.

उधर खेल मंत्रालय ने अपना रुख में सख्ती बरकरार रखी है. खेल मंत्री एमएस गिल का कहना है कि खेलों से जुड़े कई दस्तावेज सार्वजनिक होने चाहिए. गिल यह भी कह चुके है कि अगर कोई वित्तीय गड़बड़ी पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: एन रंजन

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