सोमालियाई लुटेरों के क़ब्ज़े में एक और जहाज़
२ जनवरी २०१०अदन की खाड़ी में गश्त लगा रहे यूरोपीय संघ की नौसेना ने जानकारी देते हुए कहा कि समुद्री लुटेरों ने ब्रिटेन के एशियन ग्लोरी जहाज़ को अगवा कर लिया है. इससे ठीक 24 घंटे पहले इंडोनेशिया के एक केमिकल टैंकर को भी अगवा किया गया था.
यूरोपीय संघ की नौसेना के मुताबिक एशियन ग्लोरी को सोमालियाई तट से 600 मील दूर अगवा किया गया. जहाज़ पर सवार चालक दल के 25 सदस्य सुरक्षित बताए जा रहे हैं. यह जहाज़ ज़ोडिएक मैरीटाइम एजेंसी का है. इसी कंपनी के एक और जहाज़ चार दिन से समुद्री लुटेरों के क़ब्ज़े में हैं.
यूरोपीय संघ की नेवल फोर्सेज़ का कहना है कि, ''एशियन ग्लोरी ईयू नेव फोर (यूरोपीयन यूनियन नेवल फोर्सेज़) के सक्रिय इलाके से बाहर था.'' ईयू नेव फोर का कहना है कि ज़हाज़ के चालक दल में दस यूक्रेनी, आठ बुल्गारियाई, दो रोमानियाई और पांच भारतीय नागरिक हैं.
ज़ोडिएक कंपनी के प्रवक्ता का कहना है, ''हम चालक दल के सदस्यों के परिवार वालों से संपर्क कर रहे हैं. हमारा सारा ध्यान परिवार वालों पर हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे कि सब कुछ अच्छा हो.'' ज़ोडिएक के मुताबिक भी तक सोमालियाई लुटेरों ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया है.
चालक दल की सुरक्षा को लेकर ईयू नेव फोर्स के कमांडर जॉन हार्बर ने कहा, ''समुद्री लुटेरे जहाज़ को अपने मज़बूत गढ़ में ले जाकर मालिक से बात करते हैं.''
इससे पहले मंगलवार को ही सोमालियाई लुटेरों ने ज़ोडिएक के एक तेल टैंकर को भी अपने क़ब्ज़े में ले लिया. यह तेल टैंकर अब भी लुटेरों के क़ब्ज़े में ही है. इसके चालक दल के 26 लोगों में भी छह भारतीय नागरिक हैं. इसके बाद शुक्रवार को भी डाकुओं ने एक इंडोनेशिया के जहाज़ को बंधक बना लिया था.
सोमालिया के पास इस वक्त हिंद महासागर में कई देशों की नौसेनाएं तैनात हैं. सब का मक़सद समुद्री लुटेरों पर काबू पाना है. लेकिन विशाल समंदर में जितने योजनाबद्ध तरीके से लुटेरे अपनी कार्रवाई को अंज़ाम देते हैं, उससे लगता है कि अंतरराष्ट्रीय नौसेनाओं का तालमेल कहीं न कहीं कमज़ोर पड़ रहा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एस जोशी