सोलर किंग सहित चार को वैकल्पिक नोबेल
२९ सितम्बर २०११चीनी उद्योगपति हुआंग को "सोलर किंग ऑफ चीन" के नाम से भी जाना जाता है, जिन्होंने सौर ऊर्जा से चलने वाले पानी के हीटर और दूसरे नवीनीकृत ऊर्जा स्रोतों में पैसा लगाया है. वे सौर ऊर्जा के फायदों के बारे में लेक्चर भी देते हैं.
पुरस्कार देने वाली स्टॉकहोम की संस्था के प्रवक्ता ओले फॉन ओलेक्सकुल ने कहा, "हम समझते हैं कि दुनिया में चीन के बगैर जलवायु परिवर्तन की समस्या का हल नहीं हो सकता है. मौजूदा वक्त में सबसे ज्यादा कार्बन डाय ऑक्साइड गैस छोड़ने वाला देश चीन है लेकिन सबसे ज्यादा नवीनीकृत बिजली इस्तेमाल करने वाला देश भी वही है." उन्होंने उम्मीद जताई कि इस पुरस्कार के बाद चीन और दुनिया के दूसरे हिस्सों में सौर और दूसरे नवीनीकृत ऊर्जा के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ेगी.
चाड की लोकप्रिय महिला वकील जैकलीन मोदीने को मानवाधिकार के मामलों की पैरवी करने के लिए इस पुरस्कार से नवाजा गया है. उन्होंने चाड के पूर्व नेता हिसेन हिब्रे के खिलाफ भी मुकदमा लड़ा, जिन पर आठ साल की सत्ता के दौरान मानवाधिकार उल्लंघन के मामले हैं. फॉन ओलेक्सकुल ने बताया, "मोदीने को उस वक्त देश छोड़ कर जाना पड़ा था. लेकिन बाद में वह चाड लौट आईं और इस बात को साबित कर पाईं कि वहां क्या हुआ था." इस साल जून में फॉन ओलेक्सकुल ने चाड का दौरा किया था और उस वक्त उन्होंने देखा कि किस तरह मोदीने बाल मजदूरी के खिलाफ अभियान चला रही हैं.
अमेरिका की इना मे गास्किन ने आसान तरीकों से बच्चे पैदा करने और जच्चा बच्चा के स्वास्थ्य के लिए काम किया है और उन्हें भी वैकल्पिक नोबेल पुरस्कार दिया गया है. उन्होंने अर्जेंटीना से लेकर न्यूजीलैंड तक में इस बारे में लोगों में जागरूकता फैलाई है.
स्पेन की संस्था जेनेटिक रिसोर्स एक्शन इंटरनेशनल (ग्रेन) को भी इस पुरस्कार के लिए चुना गया जो मुख्य तौर पर अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में छोटे किसानों और स्थानीय समुदायों के हक के लिए काम कर रही है. फॉन ओलेक्सकुल का कहना है कि ग्रेन जैव विविधता को बचाए रखने पर भी काम कर रही है.
ये पुरस्कार नोबेल पुरस्कारों से संबंधित नहीं हैं और इन्हें पांच दिसंबर को स्वीडन की संसद में आयोजित कार्यक्रम में दिया जाएगा. विजेताओं के बीच डेढ़ लाख यूरो की राशि बांटी जाएगी.
फॉन ओलेक्सकुल ने बताया कि इस साल पुरस्कारों के लिए 59 देशों से 123 लोगों के नामांकन भरे गए. इस पुरस्कार की शुरुआत 1980 में की गई थी. भारत की वंदना शिवा को भी यह पुरस्कार दिया जा चुका है. नोबेल पुरस्कारों की घोषणा अगले हफ्ते होने वाली है.
रिपोर्टः डीपीए/ए जमाल
संपादनः महेश झा