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स्काई मार्शल के दस साल

३० सितम्बर २०११

दस साल से सारी दुनिया में हवाई उड़ानों पर स्काई मार्शल यात्रियों के साथ जाते हैं. उनका काम है विमान के अपहरण को रोकना और संभावित हमलावर को नियंत्रण में लेना. इस पर विवाद है कि उनकी वजह से हवाई यात्रा सुरक्षित हुई है.

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तस्वीर: AP

स्काई मार्शल अंडरकवर एजेंट होते हैं जो उड़ान पर यात्रियों के साथ घुल मिल जाते हैं और जरूरत पड़ने पर विमान के अपहरण को रोकते हैं. वे संभावित अपराधियों को भांपने, तुरंत प्रतिक्रिया दिखाने और नजदीकी लड़ाई के माहिर होते हैं. भारत में एनएसजी विमान कंपनियों को स्काई मार्शल मुहैया कराता है.

Flughafen Sicherheitskontrolle
तस्वीर: dpa

कभी जरूरत नहीं पड़ी

जर्मनी में भी अमेरिका पर यात्री विमानों की मदद से किए गए आतंकी हमले के बाद से विमान में स्काई मार्शल को तैनात किया जा रहा है. अक्टूबर 2001 में विशेष टुकड़ी का गठन शुरू किया गया जो अब पुनर्गठित संघीय पुलिस का हिस्सा है, जिसमें सीमा सुरक्षा बल को भी शामिल कर दिया गया है. उस समय 200 प्रशिक्षित अधिकारियों की बात सोची गई थी. पिछले 10 सालों में ऐसा कोई गंभीर मौका नहीं आया है जब स्काई मार्शल को सक्रिय कार्रवाई करनी पड़ी हो.

जर्मनी की संघीय पुलिस संवेदनशील मामला बताकर स्काई मार्शलों की तादाद, उनकी तैनाती और उनके प्रशिक्षण के बारे में कोई जानकारी नहीं देती. फ्रैंकफर्ट के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जर्मनी की संघीय पुलिस यूनिट के प्रमुख वोल्फगांग वुर्म स्काई मार्शल की तैनाती का सकारात्मक मूल्यांकन करते हैं और कहते हैं, "हम एक ठोस सहबंध का हिस्सा हैं, आपस में सूचनाओं का आदान प्रदान होता है, जिसका राष्ट्रीय स्तर पर आकलन किया जाता है."

Sky Marshal
तस्वीर: dpa

जर्मनी में विवाद

जर्मनी में स्काई मार्शल की तैनाती पर विवाद रुका नहीं है. आलोचक जमीन पर ऐसे कंट्रोल की  मांग करते हैं कि संदिग्ध लोग विमान तक पहुंच ही न सकें. पायलटों का संगठन कॉकपिट भी स्काई मार्शल पद्धति को पूरा समर्थन नहीं दे रहा है. हालांकि संगठन संभावित अपराधियों पर उसके असर को स्वीकार करता है लेकिन उसका कहना है कि अच्छा होता कि बोर्ड पर कोई हथियारबंद व्यक्ति न होता. वह हमलावरों और अपहर्ताओं को कॉकपिट तक पहुंचने को मुश्किल बनाने की वकालत करते हैं.

भारत में भी 1999 में पाकिस्तान स्थित आतंकी गुटों द्वारा इंडियन एयरलाइंस के विमान के अपहरण के बाद से घरेलू विमानों में स्काई मार्शल को तैनात किया जाता है. पहले उनकी तैनाती जम्मू और कश्मीर और पूर्वोत्तर की संवेदनशील उड़ानों पर की जाती थी, लेकिन 2001 के बाद पैदा हुए सुरक्षा माहौल में दूसरी उड़ानों पर भी उनकी तैनाती की जाती है. अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर तैनाती के लिए दो देशों के बीच समझौता जरूरी होता है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: वी कुमार

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