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स्कूलों और अस्पतालों पर हमला करने वालो की बनेगी सूची

१३ जुलाई २०११

संयुक्त राष्ट्र ऐसे देशों और संगठनों की सूची तैयार कर रहा है जिन्होंने युद्ध जैसी स्थिति में स्कूलों और अस्पतालों पर हमला किया. सूची को संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा.

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Begegnung zwischen einem afghanischen Kind und einem US oder BundeswehrSoldat An Afghan child begins to cry as he and his father are guarded by soldiers from the US Army 82nd Airborne as they conduct a sweep of homes in the village of Naray in southeastern Afghanistan Saturday, Nov. 2, 2002. More than one hundred men, women and children from the village were guarded overnight as soldiers discovered 115 107 mm rockets - the same kind that are shot almost daily at the U.S. bases. They also found 14 rocket-propelled grenades, land mines, detonators, and thousands of rounds of ammunition, some of it armor-piercing. Five people were detained for further questioning. (AP Photo/Scott Nelson,Getty Images)
तस्वीर: AP

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक नया प्रस्ताव पारित किया गया जिसके अनुसार स्कूलों और अस्पतालों पर हमला करने वालों की एक सूची बनाई जाएगी. संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून जब सालाना रिपोर्ट जारी करेंगे तो उसमें यह सूची देखी जा सकेगी. मंगलवार को सुरक्षा परिषद के सभी पंद्रह सदस्यों ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पारित कर दिया. सुरक्षा परिषद के अनुसार इस सूची के जरिए ऐसे लोगों और देशों की निंदा की जाएगी. सूची में केवल हमला करने वालों के ही नाम नहीं होंगे, बल्कि उनके भी जो बच्चों को अपंग बनाते हैं, उनके साथ यौन दुराचार करते हैं या उनके हाथों में बन्दूक थमा देते हैं.

जर्मनी के विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने सूची में मौजूद देशों की ओर इशारा करते हुए परिषद से कहा, "अपराधियों को इसके परिणाम के लिए तैयार रहना चाहिए. यदि वे अपना रवैया नहीं बदलते हैं तो उन पर रोक भी लगाई जा सकती है... हम बच्चों को विरोध का हिस्सा बनते हुए नहीं देखना चाहते, हम नहीं चाहते कि बच्चों को लड़ने के लिए मजबूर किया जाए, हम नहीं चाहते कि उन्हें चोट पहुंचे या उनकी जान जाए." प्रस्ताव में इस बारे में नहीं बताया गया है कि इन देशों या संगठनों पर किस तरह की पाबंदी लग सकती है, लेकिन सुरक्षा परिषद की अनुसार संपत्ति जब्त की जा सकती है और यात्रा पर रोक लग सकती है.

Alleged suicide bombers, Afghan boys, Neyaz Mohammad in orange and Fazel Rahman, in green dress, are being searched by the guards before they come back to their cells at the Kabul Juvenile Rehabilitation Center in Kabul, Afghanistan, Saturday May 14, 2011. The orders from their religious teacher were clear-cut: Go to Afghanistan, strap on a suicide vest and kill foreign forces. With that, 14-year-old Ghulam Farooq left his home in Pakistan with three other would-be boy bombers and headed into eastern Afghanistan. They were told there would be two members of the Taliban waiting for them at the Torkham border crossing in Nangarhar province. Instead, members of the Afghan intelligence service, who had been tipped to the boys' plans, arrested them at the border. (AP Photo/Kamran Jebreili)
तस्वीर: APImages

मिली जुली प्रतिक्रिया

इस सूची में अफगानिस्तान की पुलिस, अल कायदा से संबंध रखने वाले इराकी संगठन 'इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक' के नाम मौजूद हैं. बच्चों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनिसेफ के अध्यक्ष एंथनी लेक ने इस बारे में कहा, "स्कूलों और अस्पतालों पर हमला करने वालों के नाम सूची में डालना, इन गंभीर अपराधों के बारे में जागरूकता फैलाने में मददगार साबित होगा... हम उम्मीद करते हैं कि इस से सरकारों को हमले रोकने के लिए संदेश मिलेगा और वे कड़े कदम उठाएंगी."

हालांकि कुछ सदस्यों का मानना है कि इस मामले में उठाए गए संयुक्त राष्ट्र के कदम काफी नहीं हैं. कोलंबिया की विदेश मंत्री मारिया एंजेला होलगुइन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की ऐसे देशों और संगठनों से सीधे निपटने के कोशिश 'अस्वीकार्य' है. होलगुइन ने परिषद से कहा, "संयुक्त राष्ट्र की यह सोच बहुत बचकानी है कि वह उन आतंकवादी संगठनों के ह्रदय परिवर्तन कर सकता है, जो पिछले कई दशकों से नागरिकों में दहशत फैलाते आए हैं." कोलंबिया के दो विद्रोही संगठनों के नाम भी इस सूची में हैं.

रिपोर्ट: रॉयटर्स/ ईशा भाटिया

संपादन: एन रंजन

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