स्पेन बना फुटबॉल का विश्वविजेता
१२ जुलाई २०१०चेस्क फाब्रेगास ने इनिएस्ता को पास दिया और तेज़ी से आन्द्रेस इनिएस्ता ने गोलपोस्ट के दाईं तरफ गेंद दागी नीदरलैंड्स के गोलकीपर मार्टेन स्टेकेलनबर्ग गेंद की तरफ लपके लेकिन वे गोल नहीं बचा सके. एक्स्ट्रा टाइम खत्म होने वाला था. आखिरकार डच टीम स्पेन के खिलाफ कोई गोल नहीं कर सकी. एक्सट्रा टाइम में बिना पेनल्टी किक के फैसला हो गया. फीफा फुटबॉल वर्ल्ड कप 2010 का चैंपियन स्पेन बन गया है. इसके पहले स्पेन ने कभी कोई वर्ल्ड कप ट्रॉफी नहीं जीती.
गोल करने के बाद इनिएस्ता ने कहा, "ये अविश्वसनीय है. मैच जीतना आसान नहीं था लेकिन हम काफी समय से मेहनत कर रहे हैं और उसका फल हमें अब मिला है." गोल के बारे में पूछने पर इनिएस्ता के पास शब्द नहीं थे. "उन्होंने कहा मैं क्या कहूं. स्पेन के लोगों को मेरा अभिवादन. ये एक भावुक पल है."
स्पेन की इस जीत ने डच खिलाड़ियों का दिल तोड़ दिया. सबसे बड़ा झटका डच कप्तान जियोवानी फान ब्रॉन्कोर्स्ट को लगा क्योंकि ये उनके करियर का आखिरी मैच था. इस फाइनल के साथ जियोवानी ने 14 साल के फुटबॉल करियर को अलविदा कह दिया. आंसूओं से भरे स्नाइडर काफी देर तक मैदान पर ही बैठे रहे. 1974, 1978 के बाद वर्ल्ड कप फाइनल में नीदरलैंड्स की ये तीसरी बार हार थी.
जोहानिसबर्ग के सॉकर सिटी में यूरोपीयन चैंपियन स्पेन शुरू से ही हावी रहा. मैच शुरू होने के पांच ही मिनट में सेर्गियो रामोस ने शावी को पास दिया इसके बाद डेविड विया का गोल चूक गया.
कई फ्री किक्स और डच मिडफील्डर डे यॉंग और मार्क फान बोमेल की दो ज़ोरदार कोशिशों ने स्पेन को लय से बाहर किया और उसके स्मूथ पासेस को रोक दिया.
सामान्य समय में कोई टीम गोल नहीं कर सकी. हालांकि कई बार स्पेनी और डच खिलाड़ियों ने गोल के मौके गंवाएं या कहें प्रतिद्वंद्वी टीमें इतनी सतर्कता के साथ खेल रहीं थी कि किसी भी टीम को गोल करने का सही मौका नहीं मिला.
एक्सट्रा टाइम के आखिरी दस मिनट में नीदरलैंड्स को दस ही खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा क्योंकि जॉन हाइटिंगा को फाउल के कारण दूसरा येलो कार्ड मिला और उन्हें मैच से बाहर जाना पड़ा.
रिपोर्टः एजेंसियां/ आभा एम
संपादनः एन रंजन