हमले के बाद इस्राएली राजदूत ने काहिरा को छोड़ा
१० सितम्बर २०११मिस्र के लोगों के दूतावास पर धावा बोल देने के बाद इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतान्याहू ने लेबनान को बेहद जरूरी सलाह मशविरे के लिए वापस बुला लिया. लोगों ने शुक्रवार शाम को दूतावास को घेर लिया.
कुछ सौ प्रदर्शनकारी शुक्रवार शाम इस्राएली दूतावास पर पहुंच गए. सरकारी टेलीविजन के मुताबिक प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई. लगभग 150 प्रदर्शनकारियों ने दूतावास की ओर जाने वाली सड़क को बंद कर दिया. पुलिस ने उन्हें हटाने की कोशिश की तो झड़पें शुरू हो गईं. पुलिस पर बोतलें और पत्थर फेंके गए. देश के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इन झड़पों में कम से कम 440 लोग घायल हो गए.
सरकारी टेलीविजन की रिपोर्ट के मुताबिक घटना के बाद मिस्र की पुलिस के लिए हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. प्रधानमंत्री एसाम शराफ ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है. अल अहराम अखबार ने अपने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि शराफ अपनी सरकार का इस्तीफा भी पेश कर सकते हैं क्योंकि वह हालात को संभालने में नाकाम रहे हैं.
अमेरिका और इस्राएल खफा
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मिस्र सरकार से अपील की है कि वह अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियां निभाए. व्हाइट हाउस से जारी एक बयान में कहा गया, "मिस्र सरकार इस्राएली दूतावास की सुरक्षा सुनिश्चित करे."
ओबामा ने शुक्रवार को इस्राएली प्रधानमंत्री से भी बात की और हालात पर चिंता जाहिर की. व्हाइट हाउस के बयान ने बताया है, "राष्ट्रपति ने इस समस्या को हिंसा बढ़े बिना हल करने के लिए अमेरिका की तरफ से उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की है."
इस्राएल ने काहिरा में अपने दूतावास पर हुए हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतान्याहू ने भीड़ के दूतावास पर हमले को गंभीर घटना बताया है. यरुशलम में एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "हमने उप राजदूत को मिस्र सरकार से संपर्क साधने के लिए काहिरा में रहने दिया है." अफसर के मुताबिक मिस्र के कमांडो ने दूतावास के स्टाफ के छह लोगों को बाहर निकाला.
क्यों बिगड़े संबंध
पूर्व राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक के शासन में मिस्र और इस्राएल के संबंध अच्छे रहे हैं. असल में मिस्र यहूदी राज्य इस्राएल के साथ समझौता करने वाला पहला अरब देश है. इस समझौते के बाद ही 1979 में इस्राएल ने मिस्र में अपना दूतावास बनाया. और तब से इस्राएल के दूतावास पर काहिरा में यह सबसे बड़ा हमला है.
हुस्नी मुबारक के सत्ता से हट जाने के बाद से ही इस्राएल और मिस्र के संबंधों को लेकर चिंता जाहिर की जा रही है. पिछले महीने इस्राएली गोलीबारी में मिस्र के पांच पुलिसवालों के मारे जाने के बाद से दोनों देशों के संबंध खराब होने लगे. मिस्र ने इस घटना पर इस्राएल से आधिकारिक माफी मांगने को कहा था.
तभी से मिस्र में इस्राएल के विरोध में प्रदर्शन होते रहे हैं. लेकिन शुक्रवार को अचानक ये प्रदर्शन हिंसक हो गए. इस हिंसा के दौरान एक व्यक्ति की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई. इस्राएल के रक्षा मंत्री एहुद बराक के दफ्तर ने कहा है कि शनिवार सुबह ही बराक ने अमेरिकी रक्षा मंत्री लियोन पनेटा से फोन पर बात की और काहिरा के हालात पर चिंता जताई.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एन रंजन