हमलों के बीच राष्ट्रपति करजई की सुरक्षा पर ध्यान
१५ अप्रैल २०१२नाटो में अंतरराष्ट्रीय सेना आईसैफ के प्रवक्ता ने ट्वीट किया है कि किसी के मारे जाने की खबर नहीं है. एएनएसएफ और आईसैफ इसका जवाब दे रहे हैं. रविवार दोपहर को काबुल के केंद्रीय इलाके वजीर अकबर खान में यह हमले किए गए. यहां दूतावासों के अलावा नाटो का हेडक्वार्टर और अफगानिस्तान की संसद भी है. हमलों की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है. उन्होंने कहा कि धमाकों और हमले का मुख्य लक्ष्य ब्रिटिश और जर्मन दूतावास थे साथ ही अफगानिस्तान में नाटो मुख्यालय भी. एपी समाचार एजेंसी ने लिखा है कि शहर में करीब 10 धमाके सुने गए और शहर में करीब 30 मिनट तक भारी गोलीबारी होती रही. उग्रवादी इस इलाके की ऊंची इमारतों में घुस गए और अलग अलग दिशाओं से रॉकेट हमले करते रहे.
इस बीच अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई को सुरक्षित जगह पर पहुंचाए जाने की भी रिपोर्टें आई हैं. राष्ट्रपति निवास को बंद कर दिया गया है. जिस वक्त धमाके हुए करजई सांसदों के साथ बजट पर चर्चा कर रहे थे. इसके बाद उनकी सभी बैठकों को रद्द कर दिया गया. इसमें विद्रोहियों के एक गुट के साथ शांतिवार्ता भी शामिल थी. अपनी पहचान ना बताने की शर्त पर एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि करजई सुरक्षित हैं.
तालिबानी लड़ाकों ने दो अन्य प्रांतों में भी हमला किया. रॉकेटों से चलाए जाने वाले ग्रेनेड उन्होंने एक ऐसे मकान की ओर फेंके जिसे ब्रिटिश राजनियक इस्तेमाल करते हैं. ऐसे ही दो रॉकेटों से रॉयटर्स के ऑफिस के पास ब्रिटिश दूतावास के गार्ड टॉवर में हमला किया गया. तीसरा जर्मन दूतावास के पास के सुपर मार्केट में दागा गया. यह जगह विदेशियों के पसंद की है. गोलीबारी खत्म नहीं होने पर अमेरिकी सैनिक इस इलाके में आते देखे गए. इस घटना में जान माल की हानि नहीं हुई है.
यह हमले ऐसे समय हो रहे हैं जब अंतरराष्ट्रीय सेना 2014 में अफगानिस्तान छोड़ने के बारे में विचार कर रही है. ग्रीन डिप्लोमैटिक इलाके में कई दिशाओं से गोलीबारी हो रही थी. और हमला ब्रिटिश, अमेरिकी दूतावासों के आस पास से हो रहा था और पास ही में जर्मन दूतावास से धुआं निकलता देखा जा सकता था. अफगान संसद और रूसी दूतावास की इमारत पर भी रॉकेट हमला किया गया. अफगानिस्तान मीडिया के मुताबिक हमलावर राष्ट्रपति भवन और ईरानी दूतावास के पास स्टार होटल में घुस गए.
एएम/आईबी (रॉयटर्स,एपी)