हार्ट अटैक से हुई भारतीय पायलट की मौत
१५ अक्टूबर २०१०मनीला से दोहा आ रही फ्लाइट हजारों फीट की ऊंचाई पर थी. तभी विमान के मुख्य पायलट कैप्टन अजय कुकरेजा को सीने में दर्द महसूस हुआ. उन्होंने साथी पायलट से क्वालालंपुर में मेडिकल इमरजेंसी के तहत उतरने की अनुमति मांगने को कहा. फर्स्ट ऑफिसर ने यही किया उन्होंने क्वालालंपुर एयरपोर्ट को मामले की जानकारी दी और कहा कि डॉक्टरों की एक टीम एयरपोर्ट पर ही तैयार रखी जाए.
लेकिन इस बीच ही 43 साल के अजय कुकरेजा की हालत बिगड़ती चली गई और उन्होंने कॉकपिट के पास पॉयलटों के लिए बने रेस्ट एरिया में दम तोड़ दिया. कैप्टन की तबीयत के बारे में यात्रियों को कोई जानकारी नहीं दी गई. कम अनुभवी फर्स्ट ऑफिसर ने फ्लाइट को क्लालंपुर में लैंड करा दिया.
कुछ लोग यह सवाल कर रहे है कि कैप्टन की तबीयत के बारे में यात्रियों को जानकारी आखिर क्यों नहीं दी गई. हो सकता था कि 260 यात्रियों में से कोई एक डॉक्टर निकल आता तो जान बचाई जा सकती थी. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि अगर यात्री खबर से डर जाते तो फ्लाइट का माहौल और तनावपूर्ण हो सकता था.
बहरहाल क्वालालंपुर में लैंडिंग के बाद विमान के चालक दल के सभी सदस्यों को बदला गया. कैप्टन अजय कुकरेजा के शव को एयरलाइन ने पूरे सम्मान के साथ भारत भेज दिया.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य