हिंसा के साए में मध्यपूर्व वार्ता
२ सितम्बर २०१०वेस्ट बैंक में फिर से इस्राएलियों पर हमले और यहूदी बस्ती पर गतिरोध के बीच ओबामा ने स्वीकार किया कि कुछ हल्कों में वार्ता की सफलता पर संदेह है और कहा कि उन्हें चुनौतियों के बारे में कोई भ्रम नहीं है.
20 महीने के बाद फिर से हो रही इस्राएल फलीस्तीनी वार्ता के मौके पर ओबामा ने कहा कि दोनों नेता वाशिंगटन के इस विश्वास से सहमत हैं कि फलीस्तीनी राज्य का गठन एक साल के भीतर संभव है. इस्राएली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू और फलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के साथ अलग अलग बातचीत के बाद ओबामा ने कहा, "मैंने उनमें से दोनों को आज कहा, मौके का यह क्षण इतनी जल्दी दोबारा नहीं आएगा. वे इसे हाथ से निकलने नहीं दे सकते."
लेकिन बातचीत में मुश्किलें जारी हैं. इस्राएल अधिकृत वेस्ट बैंक में यहूदी बस्तियों के निर्माण पर आंशिक रोक को बढ़ाने से मना कर रहा है जबकि फलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने धमकी दी है कि यदि बस्तियों के निर्माण पर 26 सितंबर तक लगी रोक के सामप्त होने के बाद मकानों का बनना जारी रहता है तो वे शांति वार्ता से बाहर निकल जाएंगे.
इसके पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने मंगलवार को हमास के हमले को निर्मम हत्याकांड बताया जिसमें वेस्ट बैंक में चार यहूदी बाशिंदे मारे गए थे. उन्होंने कहा कि उग्रपंथियों और नकारवादियों को शांति प्रयासों को पटरी से नहीं उतारने दिया जाएगा.
लेकिन जिस समय ओबामा शिखर भेंट का उद्घाटन कर रहे थे, एक संदिग्ध फलीस्तीनी बंदूकधारी ने वेस्ट बैंक में दो इस्राएलियों को घायल कर दिया. विदेश मंत्रालय में गुरुवार को इस्राएल फलीस्तीनी सीधी बातचीत से पहले ओबामा ने बुधवार को नेतान्याहू और अब्बास के लिए भोज दिया. उन्होंने कहा वार्ता का लक्ष्य दोनों के पक्षों के बीच अंतिम दर्जे के विवादास्पद मुद्दों को सुलझाना है.
राष्ट्रपति ने कहा, "लक्ष्य एक दोनों पक्षों द्वारा तय एक ऐसी संधि है जो 1967 में शुरू हुए कब्जे को समाप्त करे और एक स्वतंत्र, लोकतांत्रिक और व्यावहारिक फलीस्तीनी राज्य का उदय हो जो यहूदी राज्य इस्राएल और अन्य पड़ोंसियों के साथ शांति और सुरक्षा में रह सके."
उधर गजा में सत्तारूढ़ हमास ने कहा है कि महमूद अब्बास को फलीस्तीनियों के नाम पर इस्राएल के साथ बातचीत करने का कोई अधिकार नहीं है. महमूद जहर ने ने कहा है कि हमास इस्राएल के साथ शांति प्रयासों का विरोध करेगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन एस गौड़