हिजाब से हारा ओलंपिक विवाद
३१ जुलाई २०१२अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर विवाद को विराम दिया. प्रवक्ता ने कहा, "हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि आईओसी की तहत सऊदी नेशनल ओलंपिक कमेटी और इंटरनेशनल जूडो फेडरेशन एक करार पर समहत हो गए हैं. इसके तहत एथलीट खेलों में हिस्सा ले सकेंगी. जूडो फेडरेशन ने उन्हें सिर ढंक कर खेलने की इजाजत दे दी है."
करार के बाद यह भी साफ हो गया कि महिला खिलाड़ी अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी हिजाब पहनकर हिस्सा ले सकेंगी. सऊदी अरब की 18 साल की जूडो फाइटर को पहले हिजाब के साथ रिंग में उतरने की अनुमति नहीं दी गई. जूडो फेडरेशन ने तर्क दिया कि हिजाब की वजह से खिलाड़ियों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है.
इंटनेशनल जूडो फेडरेशन के इस फैसले से सऊदी अरब नाराज हो गया. उसने जूडो प्रतियोगिता के बहिष्कार की धमकी दे दी. सऊदी अरब के दबाव के आगे अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति और इंटरनेशनल जूडो फेडरेशन को झुकना पड़ा. माना जा रहा था कि अगर हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी गई तो अन्य मुस्लिम देशों पर भी इसका असर पड़ेगा.
सऊदी अरब ने पहली बार दो महिलाओं को ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए भेजा है. इनमें एक 18 साल की जूडो फाइटर वोजदान शाहेरकानी हैं. हेवीवेट मुकाबले में हिस्सा लेने जा रही शाहेरकानी जूडो फाइटर बीते दो साल से इस खेल में हैं. वह ब्लैक बेल्ट भी नहीं हैं. पहले राउंड में उनका मुकाबला पोर्टो रिको की मेलिसा मोयिका से है. मेलिसा वर्ल्ड रैंकिंग में 13वें स्थान पर हैं.
लंदन ओलंपिक में भाग लेने वाली दूसरी सऊदी महिला सारा अतर हैं. अमेरिका में पली बढ़ी सारा 800 मीटर रेस में हिस्सा लेंगी. उद्धाटन परेड में सारा बिना हिजाब के उतरीं.
ओएसजे/एजेए (एएफपी)