हैर्था बर्लिन बुंडेसलीगा से बाहर
१६ मई २०१२हैर्था बर्लिन के वकील क्रिस्टॉफ शिकहार्ट ने कहा है कि उनकी टीम ने ड्युसेलडॉर्फ में खेल अंतिम समय तक सिर्फ इसलिए खेला क्योंकि पुलिस का तर्क था कि इससे हिंसा और नहीं भड़केगी. शिकहार्ट ने कहा कि बर्लिन का क्लब मैच के खिलाफ आधिकारिक रूप से विरोध दर्ज करेगा. ड्युसेलडॉर्फ के फैंस ने खेल खत्म होने के दो मिनट पहले मैदान पर धावा बोल दिया था, जिसकी वजह से मैच 20 मिनट तक रुका रहा.
शिकहार्ट ने कहा, "रेफरी टीम को मैदान पर वापस लेकर फुटबॉल की वजह से नहीं लाए बल्कि हिंसा भड़कने को रोकने के लिए पुलिस के अनुरोध पर, खून खराबे का भी जिक्र हुआ."
फॉर्टूना ड्युसेलडॉर्फ को अपने मैदान पर हैर्था बर्लिन के खिलाफ खेलना था. फैंस में जोश था. उनका क्लब 15 साल बाद फिर से जर्मन फुटबॉल के प्रीमियर लीग में प्रवेश कर रहा था, जबकि हैर्था पर बुंडेसलीगा में बने रहने की चुनौती थी. दूसरे लेग का मैच 2-2 से ड्रॉ रहा जबकि पहले लेग में फॉर्टूना ने हैर्था को 2-1 से हराया था. इस तरह 4-3 की जीत के बाद फॉर्टूना बुडेसलीगा में चला गया जबकि हैर्था सेकंड लीग में आ गया.
हैर्था की टीम ड्युसेलडॉर्फ के खिलाफ शिकायत करने की सोच रही है. टीम के मैनेजर मिषाएल प्रीत्स ने कहा है, "इस पर विचार करना हमारी जिम्मेदारी है. इसे हमें अपने फैंस के लिए भी करना है." इसके विपरीत क्लब के अध्यक्ष वैर्नर गेगेनबावर ने कहा, "हम ड्युसेलडॉर्फ को बधाई दे चुके हैं. मैं इस पर कानूनी नजरिये से नहीं आंक सकता." शिकहार्ड ने कहा है कि क्लब को इस विकल्प का इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को अपनी जान की चिंता थी क्योंकि वे मैदान पर बिना किसी सुरक्षा के उग्र भीड़ में घिरे थे. ड्युसेलडॉर्फ के फैंस खेल खत्म होने के बाद दुबारा मैदान पर उमर पड़े.
जर्मन फुटबॉल फेडरेशन ने ड्युसेलडॉर्फ में हुई घटना की जांच शुरू कर दी है और बुंडेसलीगा के अधिकारियों के साथ जारी एक साझा बयान में मैदान पर हुए हमले की निंदा की है. उन्होंने कहा, "हम इस पर सहमत हैं कि ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और उसके लिए सजा मिलनी चाहिए." बयान में कहा गया है कि हजारों फैंस का मैदान पर जाना गैरजिम्मेदाराना हरकत थी और उन्होंने बहुत से शांतिपूर्ण फैंस को खतरे में डाला.
दुर्व्यवहार करने वाले जर्मन फैंस हर सीजन में एक न एक बार हुड़दंग करते रहे हैं. मैदान पर दौड़ जाने के अलावा पिछले सालों में स्टेडियम के बाहर भी दंगे हुए हैं या खिलाड़ियों को धमकियां दी गई हैं. सोमवार रात को कार्ल्सरूहे मे सेकंड डिवीजन रेलेगेशन मैच के बाद फैंस और पुलिस के बीच हुई झड़प में 70 लोग घायल हो गए थे, जबकि करीब 100 को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. इस महीने के अंत में जर्मन फुटबॉल फेडरेशन और बुंडेसलीगा के अधिकारी बढ़ती हिंसा को रोकने के उपायों पर चर्चा करेंगे.
एमजे/एएम (डीपीए, रॉयटर्स)