19 साल बाद अचानक फट पड़ा ज्वालामुखी
अफ्रीका के कांगो में निरागोंगो ज्वालामुखी के 19 साल बाद अचानक फट पड़ने के बाद उसका खौलता हुआ लावा आस पास के गांव लील गया. त्रासदी का स्तर 2002 जैसा तो नहीं था, लेकिन कम से कम 20 लोग मारे गए और करीब 30,000 विस्थापित हो गए.
बहता लावा
आसमान से ली गई इस तस्वीर में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में गोमा शहर के करीब स्थित माउंट निरागोंगो के फटने के बाद निकलते हुए लाल गर्म लावा को देखा जा सकता है. ज्वालामुखी 22 मई को फटा था लेकिन दो दिन बाद तक स्थानीय लोगों को झटके महसूस होते रहे.
जलते मकान
लावा की वजह से लगी आग में इस तरह के कई घर जल गए. लावा गोमा शहर की सीमाओं पर रुक गया लेकिन उसके पहले उसकी वजह से कम से कम 17 गांवों में भारी तबाही हुई.
काली चादर
यह तस्वीर भी आसमान से ली गई है और इसमें बहते हुए गर्म लावा से हुए नुकसान को देखा जा सकता है. इस त्रासदी में कम से कम 20 लोग मारे गए लेकिन अधिकतर लोग अफरा तफरी की वजह से हुए हादसों में मारे गए.
तबाह गांव
इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि कैसे गोमा के पास बुशरा गांव में लावा की वजह से आया मलबा इमारतों को निगल गया. पिछली बार 2002 में जब यह ज्वालामुखी फटा था तब लगभग 100 लोग मारे गए थे.
अवशेष
दहकते हुए लावा के पत्थरों के बीच जली हुई इमारतों के लोहे की लहरदार छतों के अवशेष पड़े हुए हैं. लावा ने सैकड़ों लोगों के घर जला दिए.
जल गया सब कुछ
लावा को गोमा शहर के एक घर के दरवाजे को जला कर उसमें से हो कर जाता हुआ देखा जा सकता है. बहते हुए लावा में आग और घातक भाप निकल रही थी. कम से कम पांच लोगों की मौत तो भांप सूंघने की वजह से ही हुई.
हजारों लोग विस्थापित
गोमा के निवासी शहर छोड़ कर जाते हुए. अनुमान है कि कम से कम 30,000 लोग विस्थापित हो गए हैं. कम से कम 170 बच्चे लापता हैं. गोमा में बिजली चली गई है और शहर से बाहर ले जाने वाली सड़क कई किलोमीटर तक बर्बाद हो गई है.