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1971 लड़ाई के घाव अभी नहीं भरे

२० फ़रवरी २०११

पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई पर आधारित एक फिल्म ने बांग्लादेश में विवाद छेड़ दिया है. आलोचकों का कहना है कि फिल्म में पाकिस्तानी सैनिकों के अत्याचार में तड़पी महिलाओं की बेइज्जती की गई है.

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तस्वीर: AP

महर जानः ए स्टोरी ऑफ लव एंड हेट 1971 में बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई के वक्त पर आधारित एक फिल्म है. फिल्म में विक्टर बैनर्जी और जया बच्चन जैसे जाने माने कलाकार हैं. लेकिन इसकी कुछ बातों ने बांग्लादेश में विवाद छेड़ दी है. फिल्म समीक्षकों ने तो फिल्म की सराहना की है, लेकिन कुछ लोगों को कहानी से आपत्ति हो रही है.

निर्देशक काजी नजरुल इस्लाम की फिल्म में एक बंगाली लड़की और पाकिस्तानी सैनिक के बीच उभरते प्यार को दर्शाने की कोशिश की गई है. लड़की का नाम महर जान है. उसे एक पाकिस्तानी सैनिक से प्यार हो जाता है जो बांग्लादेश में स्थानीय लोगों पर अत्याचार करने से मना कर देता है. उसका कोर्ट मार्शल हो जाता है.

आलोचकों को सबसे पहले तो कहानी के प्लॉट से ही परेशानी है. उनका कहना है कि एक रोमांटिक फिल्म बनाकर निर्देशक लड़ाई के समय लगभग दो लाख बांग्लादेशी देशभक्तों की कुर्बानी को कमतर आंक रहे हैं.

Bangladesh Unabhängigkeitsbewegung Flash-Galerie
तस्वीर: Public domain

बांग्लादेश सरकार का कहना है कि पाकिस्तानी सैनिकों ने 1971 में 30 लाख लोगों को मार डाला. प्रथम आलो अखबार में चार लेखकों का कहना है कि महर जान ने देश की आजादी और उसके इतिहास को कुचल डाला है. लेखकों में एक ऐसी महिला शामिल हैं जिनका उस वक्त पाकिस्तानी सैनिकों ने बलादकार किया था. हालांकि फिल्म के एक वितरक हबीबुर रहमान का कहना था कि 1971 में वह भी लड़े थे और फिल्म को देखने बहुत लोग आए हैं, लेकिन फिल्म रिलीज होने पर उनके दोस्त भी उन्हें देशद्रोही कहने लगे हैं.

फिल्म की सह निर्देशक फरजाना बॉबी कहती हैं कि लोगों में गुस्सा है क्योंकि फिल्म 1971 के बारे में बाकी फिल्मों से अलग है. वह कहती हैं, "इन लोगों के लिए उस दौरान सारे पाकिस्तानी सैनिक कसाई थे. ऐसा एक भी सैनिक नहीं हो सकता जिसने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ बगावत की हो. हमने एक अच्छे फिल्म को बनाने की कोशिश की है और उसे देखने भीड़ लगा रहे थे लोग. लेकिन अब उसे थियेटरों से हटा दिया गया है."

1971 की लड़ाई में पाकिस्तानी सैनिकों का अत्याचार बांग्लादेश में एक संवेदनशील मुद्दा है. पिछले साल बांग्लादेश की सरकार ने इस सिलसिले में एक अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध प्राधिकरण का गठन किया था. इसमें कोशिश की जा रही है कि पाकिस्तानी सरकार के स्थानीय सहयोगियों को भी सजा दिलाई जाए. पिछले छह महीनों में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से कुछ विपक्षी पार्टी के सदस्य हैं. अब तक अदालत को 195 सैनिकों के नामों सूची दी गई है जिन पर आरोप है कि उन्होंने लोगों पर अत्याचार किया था.

रिपोर्टः एएफपी/एमजी

संपादनः ए जमाल