20 अरब यूरो का होगा भारत जर्मन कारोबार
१२ दिसम्बर २०१०बर्लिन में जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल से मुलाकात के बाद भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सुस्त आर्थिक रफ्तार के बावजूद भारत और जर्मनी 20 अरब यूरो यानी लगभग 1220 अरब रुपये का कारोबार करने लगेंगे. इस समय दोनों देशों के बीच करीब 13 अरब यूरो का कारोबार होता है.
चांसलर मैर्केल के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री सिंह ने कहा, “अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार के बाद भी हमें उम्मीद है कि दोनों पक्षों ने 2012 तक जो 20 अरब यूरो के कारोबार का लक्ष्य रखा है, उसे पूरा कर लिया जाएगा. भारत और जर्मनी के बीच उच्च तकनीकी कारोबार की असीम संभावनाएं हैं.”
प्रधानमंत्री सिंह ने इस मौके पर जर्मन निर्यात कानून को नरम बनाने की अपील की. उन्होंने कहा, “मैंने चांसलर मैर्केल तक यह बात पहुंचा दी है कि जर्मन निर्यात कानून में रियायत से आपसी कारोबार के लिए नए क्षितिज बनेंगे. यह हम दोनों के फायदे में है.”
यूरो मुद्रा इस्तेमाल करने वाले देशों में लगातार आ रहे आर्थिक संकट के मद्देनजर भारत ने भरोसा जताया कि इससे जर्मनी पर असर नहीं पड़ेगा. जर्मनी को यूरोप का पावरहाउस बताते हुए प्रधानमंत्री सिंह ने कहा, “यूरो जोन में चाहे जो हो रहा हो, मुझे पूरा विश्वास है कि चांसलर मैर्केल के नेतृत्व में जर्मनी इससे अछूता रहेगा. यूरो जोन स्थायित्व प्रदान करने में बेहद अहम रोल अदा करता है और विश्व के हित में है कि यूरो जोन फलता फूलता रहे.”
यूरो मुद्रा इस्तेमाल करने वाले देस ग्रीस में पिछले दिनों जबरदस्त आर्थिक संकट आया, जिसके बाद उसे आईएमएफ और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद लेनी पड़ी. हाल में आयरलैंड को भी इसी स्थिति से दो चार होना पड़ा.
भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि जर्मनी यूरो जोन में आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और भारत इस दिशा में चांसलर मैर्केल का पूरा समर्थन करता है.
भारत ने कहा कि जर्मनी के साथ साझीदारी में सिर्फ आकाश ही सीमा हो सकती है. दोनों पक्ष उच्च शिक्षा और दोबारा इस्तेमाल की जा सकने वाली ऊर्जा के अलावा ऊर्जा कुशलता पर मिल कर काम करने को राजी हो गए. यूरोप के अंदर जर्मनी भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझीदार है.
जर्मन चांसलर से अपनी खास केमेस्ट्री का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री सिंह ने बताया कि अगले साल भारत जर्मन सहयोग के 60 साल पूरे हो रहे हैं और इस मौके पर दोनों देशों में खास आयोजन होंगे. उन्होंने चांसलर मैर्केल को अगले साल भारत आने का न्योता दिया है, जिसे मैर्केल ने स्वीकार कर लिया.
रिपोर्टः अनवर जे अशरफ, बर्लिन
संपादनः महेश झा