200 भारतीय ग़ैरक़ानूनी आप्रवासी गिरफ़्तार
१८ अक्टूबर २००८बेल्जियम की पुलिस ने मानव तस्करी करने वाले गिरोह के 15 लोगों को गिरफ़्तार किया है. ये लोग 200 भारतीयों को अवैध तौर पर ब्रिटेन ले जा रहे थे.
शनिवार तड़के बेल्जियम की पुलिस ने ब्रसेल्स के आसपास छापे डाल कर इन ग़ैरक़ानूनी आप्रवासियों को पकड़ा. मामले के सह अभियोक्ता टिम डे वोल्फ ने बताया कि इनमें से कुछ लोगों ने इस यात्रा के लिये 20 हज़ार यूरो तक दिये थे.
समाचार एजेंसी रॉइटर्स के हवाले से वोल्फ ने बताया कि 'इस घटना से ये साबित होता है कि इस तरह का ग़ैरक़ानूनी प्रवास और मानव तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है क्योंकि हमने 200 से ज़्यादा भारतीय मूल के अवैध आप्रवासियों को पकड़ा है.'
अधिकतर आप्रवासियों की मंज़िल ब्रिटेन होती है जहां पहले से कई भारतीय रहते हैं और वहां समाज में घुल-मिल जाने में इन अवैध आप्रवासियों को बहुत दिक्कत नहीं होती. ब्रिटिश आप्रवास मंत्री फिल वोलास ने ब्रिटेन में बढ़ती बेरोज़गारी के कारण इस समस्या से लड़ने के प्रति प्रतिबद्धता जताई है.
अधिकारियों ने बताया कि इस मामले पर एक साल से नज़र रखी जा रही थी और फिर इन्हें अपनी यात्रा के अंतिम पड़ाव के दौरान बेल्जियम में पकड़ लिया गया. इन सभी की यात्रा पंजाब से शुरू हुई थी.
मामले की जांच कर रहे अभियोक्ता का कहना था कि 'ये लोग एक लॉरी में जाने के लिये ड्राइवर को पांच हज़ार यूरो तक देते हैं.' जो कि मौक़ा पड़ने पर पुलिस से बचने की भी कोशिश करते हैं. दूसरी तरह के मामलों में वे सामान्य लॉरी ड्राइवर जिस पर शक़ की कम गुंजाइश होती है दो हज़ार यूरो देकर उसकी लॉरी में सवार होते हैं और अपना भाग्य आज़माते हैं.
अधिकारियों का कहना है कि हर साल हज़ारों भारतीय ग़ैरक़ानूनी तरीके से बेल्जियम से होते हुए ब्रिटेन जाते हैं या जाने की कोशिश में रहते हैं.
जिन 200 भारतीयों को गिरफ़्तार किया गया है उनमें अधिकतर युवा हैं. उनके साथ कुछ महिलाएँ और बच्चे भी हैं.