32 नए ग्रह मिले, कुछ हैं धरती जैसे
२० अक्टूबर २००९यूरोप के वैज्ञानिकों ने इन ग्रहों की तलाश हाइ एक्युरेसी रेडियल विलोसटी प्लैनट सर्चर यानी हार्प्स नाम के शक्तिशाली दूरबीनी उपकरण की मदद से की है. यह उपकरण चिली के पास ला सिला में यूरोपीय सदर्न ऑब्ज़र्वेटरी में स्थापित दूरबीन के साथ जुड़ा है.
पुर्तगाल में हुई एक्सोप्लैनट यानी बाह्य ग्रह सम्मेलन में इस खोज के नतीजे पेश किए गए. इस तरह ऐसे ग्रहों की संख्या 400 हो गई है. क़रीब 28 ग्रह ऐसे हैं जो आकार में पृथ्वी से पांच से 20 गुना बड़े हैं और ये चट्टानी ग्रह हैं, जहां जीवन की संभावनाओं पर रोशनी डाली जा सकती है. ऐसे ग्रहों को सुपर धरतियां भी कहा जाता है. कुछ ग्रह बृहस्पति के आकार वाले गैस के विशाल पिंड सरीखे हैं.
हमारे सौर मंडल से बाहर ऐसे किसी पहले ग्रह की तलाश 1995 में की गई थी. उसका नाम था 51 पेगासी बी. और 2004 में उन्हीं अंधेरों में सबसे पहली सुपर अर्थ की खोज हुई थी.
ब्रह्मांड में मौजूद गैसें, धूल और बर्फ़ के मलबे से मिलकर जो महा गुबार बनते टूटते बिखरते हैं, उन्हीं से ग्रहों का निर्माण भी होता है. इस प्रक्रिया में आख़िर कितना समय लगता है, इस मुद्दे पर अभी बहस जारी है. पृथ्वी को साढ़े चार साल अरब साल पुराना माना जाता है जबकि सूरज के बारे में माना जाता है कि वह 50 करोड़ साल पहले अस्तित्व में आया था.
रिपोर्टः एजेंसिया/एस जोशी
संपादनः ए कुमार