3डी में महफूज है क्नूट का दिमाग
२१ अप्रैल २०११3 डी नक्शे को तैयार करने के लिए दुनिया की सबसे आधुनिक मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है. ये ऐसी मशीनें हैं जिन्हें शरीर के अंदर की तस्वीरें खींचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इन चित्रों के सहारे शोधकर्ता क्नूट के दिमाग के अंदर घुस कर पता लगा पाएंगे कि क्नूट की मौत की सही वजह क्या थी. क्नूट की पिछले महीने चार साल की उम्र में ही मौत हो गई थी. उसकी मौत के कारणों की जांच चल रही है.
दिमाग के साथ साथ क्नूट की खोपड़ी को भी डिजिटल रूप से सुरक्षित रखा गया है. यह प्रोजेक्ट बर्लिन की टेक्निकल यूनिवर्सिटी और लाइब्नित्स जूलॉजिकल इंस्टिट्यूट के सहयोग से पूरा हो सका है. हालांकि अब तक इससे क्नूट की मौत के बारे में कोई नया खुलासा नहीं हो पाया है, लेकिन जानकारों ने बताया है कि उन्हें यह पता चला है कि क्नूट को गंध की बहुत अच्छी पहचान थी.
आम तौर पर ध्रुवीय भालू बहुत दूर से ही गंध की पहचान कर लेते हैं. कई बार वे एक किलोमीटर की दूरी से पता लगा सकते हैं कि खाना कहां है. बर्फीले आर्कटिक में खाना ढूंढ पाने के लिए उनके शरीर में यह संवेदी अंग ज्यादा विकसित होता है.
इस तरह की रिसर्च से एक बड़ा फायदा यह हुआ है कि वैज्ञानिक अब जानवरों के अंग डिजिटल रूप संभाल कर रख सकते हैं. यानी, यदि कोई जीव दुर्लभ भी हो जाए तो उसका डिजिटल रूप रिसर्च के लिए हमेशा उपलब्ध होगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया
संपादन: वी कुमार