1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

3डी में महफूज है क्नूट का दिमाग

२१ अप्रैल २०११

बर्लिन के जू ने कहा है कि उन्होंने मशहूर भालू क्नूट के दिमाग को डिजिटल रूप से संभाल कर रखा है ताकि उसकी पूरी तरह जांच की जा सके. वैज्ञानिक क्नूट के 3 डी दिमाग के अंदर झांक सकते हैं.

https://p.dw.com/p/111bb
तस्वीर: picture-alliance/dpa

3 डी नक्शे को तैयार करने के लिए दुनिया की सबसे आधुनिक मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है. ये ऐसी मशीनें हैं जिन्हें शरीर के अंदर की तस्वीरें खींचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इन चित्रों के सहारे शोधकर्ता क्नूट के दिमाग के अंदर घुस कर पता लगा पाएंगे कि क्नूट की मौत की सही वजह क्या थी. क्नूट की पिछले महीने चार साल की उम्र में ही मौत हो गई थी. उसकी मौत के कारणों की जांच चल रही है.

Flash-Galerie Eisbär Knut gestorben
तस्वीर: picture-alliance/dpa

दिमाग के साथ साथ क्नूट की खोपड़ी को भी डिजिटल रूप से सुरक्षित रखा गया है. यह प्रोजेक्ट बर्लिन की टेक्निकल यूनिवर्सिटी और लाइब्नित्स जूलॉजिकल इंस्टिट्यूट के सहयोग से पूरा हो सका है. हालांकि अब तक इससे क्नूट की मौत के बारे में कोई नया खुलासा नहीं हो पाया है, लेकिन जानकारों ने बताया है कि उन्हें यह पता चला है कि क्नूट को गंध की बहुत अच्छी पहचान थी.

आम तौर पर ध्रुवीय भालू बहुत दूर से ही गंध की पहचान कर लेते हैं. कई बार वे एक किलोमीटर की दूरी से पता लगा सकते हैं कि खाना कहां है. बर्फीले आर्कटिक में खाना ढूंढ पाने के लिए उनके शरीर में यह संवेदी अंग ज्यादा विकसित होता है.

इस तरह की रिसर्च से एक बड़ा फायदा यह हुआ है कि वैज्ञानिक अब जानवरों के अंग डिजिटल रूप संभाल कर रख सकते हैं. यानी, यदि कोई जीव दुर्लभ भी हो जाए तो उसका डिजिटल रूप रिसर्च के लिए हमेशा उपलब्ध होगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: वी कुमार

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें