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80 वेबसाइटों पर भारत सरकार की रोक

२० अगस्त २०१२

असम दंगों और उसके बाद दक्षिण भारत से पूर्वोत्तर के पलायन के बाद भारत सरकार ने फेसबुक, गूगल और ट्विटर में कुछ लोगों के अकाउंट और 80 दूसरे इंटरनेट वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया है.

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तस्वीर: dapd

भारत सरकार इस कदम के जरिए देश में पूर्वोत्तर के लोगों के बीच फैले डर को खत्म करना चाहती है. सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया है कि इन वेबसाइटों पर नफरत से भरे लेख छप रहे थे और अफवाहों के साथ पूर्वोत्तर के लोगों के खिलाफ हिंसा को भड़काने की कोशिश में जुटे थे. शनिवार को भारत सरकार ने 76 इंटरनेट साइट ब्लॉक करने के आदेश दिए जिनमें से कुछ ने पिछले हफ्ते अफवाहें छापी थीं जिसके बाद बैंगलोर, चेन्नई, मुंबई और पुणे से पूर्वोत्तर के लोगों का पलायन शुरू हो गया था. सरकार ने यह भी कहा कि ज्यादातर अफवाहें पाकिस्तान से आ रहीं थीं.

भारत के गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इस बीच पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक से कहा है कि वह अपने देश में उन लोगों को पकड़े जो सोशल मीडिया यानी फेसबुक और गूगल के जरिए नफरत भरे संदेश फैला रहे हैं. रहमान मलिक से टेलिफोन पर बात करते हुए शिंदे ने कहा कि वह पाकिस्तान से इस मामले में मदद की उम्मीद रखते हैं.

Indien Tausende Nordinder fliehen aus dem Süden
तस्वीर: dapd

कांग्रेस की प्रमुख सोनिया गांधी ने भी पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों के पलायन को लेकर गहरी चिंता जताई और अफवाहें फैलाने वालों की निंदा की. उन्होंने असम हिंसा के बारे में कहा, "असम में जो भी हुआ वह दुख की बात है. इस हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई होनी चाहिए, वे जो भी हों. साथ ही सबको मासूम लोगों से देश के कुछ हिस्सों में बुरे बर्ताव की निंदा करनी चाहिए. केंद्रीय और राज्य सरकारों को शांति में बाधा डालने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए." सोनिया गांधी ने कहा कि भारत वहां रह रहे सभी लोगों का देश है और लोगों को देश के किसी भी हिस्से में रहने का अधिकार है. कांग्रेस प्रमुख 20वें राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार समारोह के दौरान बात कर रही थीं.

एमजी/ एनआर (पीटीआई)

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