9/11 की बरसी पर रो पड़ा अमेरिका
११ सितम्बर २०११ग्राउंड जीरो के स्मारक में कांसे से लिखे गए अपने प्रियजनों के नाम देखकर सैकड़ों आंखों से आंसू झलक पड़े. हाथों से फूल गिरे और फिर रोते हुए लोग एक दूसरे से लिपट गए. इसी बीच बच्चों ने एक एक कर हमलों में मारे गए 2,977 लोगों के नाम पुकारने शुरू किए. इससे माहौल और भी भावुक हो गया.
अपने पिता को याद करते हुए निकोलस गोर्की ने कहा, "मैंने आपको कभी नहीं देखा. लेकिन आपने मुझे जिंदगी तोहफे में दी. मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं पापा. काश आप मेरे साथ यहां होते." हमले के वक्त निकोलस मां के गर्भ में थीं. अब वह दस साल की हो चुकी हैं. श्रद्धांजलि सभा में कई ऐसे बच्चे थे जो 9/11 के बाद पैदा हुए.
श्रद्धाजंलि सभा में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश भी शामिल हुए. हमले के वक्त बुश ही अमेरिका के राष्ट्रपति थे. दोनों नेताओं ने स्मारक पर सिर झुकाया और फिर हाथों से उसे छूकर आंखें बंद कर ली. ओबामा ने बाइबिल से पढ़ा, "ईश्वर हमारी शरण और ताकत है."
11 सितंबर 2001 को सुबह ठीक आठ बजकर 46 मिनट पर पहला जहाज वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टावर से टकराया था. 10 साल बाद जब घड़ी में 8:46 हुआ तो न्यूयॉर्क जैसा तेज रफ्तार शहर खामोश पड़ गया. हमलों में अपने 12 साल बच्चे को खोने वाली पेक्ट्रिका स्मिथ ने सिसकते हुए कहा, "तुम हमेशा मेरे हीरो रहोगे."
इंसानी इतिहास के सबसे बड़े आतंकवादी हमले ने अमेरिका को काफी बदल दिया है. इसका जिक्र करते हुए न्यूयॉर्क के मेयर माइकल ब्लूमबर्ग ने कहा, "हम देख सकते हैं कि जिन बच्चों ने अपने अभिभावकों को खोया वे अब वयस्क हो चुके हैं. जन सेवाओं में अच्छे काम की जड़ें फैल चुकी है." ब्लूमबर्ग ने मौसम का हवाला देते हुए कहा कि सूर्योदय के साथ नीले आकाश में अमेरिका का झंडा लहरा रहा है. इस दिन का मौसम 10 साल पहले के मौसम से पूरी तरह अलग है.
पेनसिलवेनिया में शैंक्सविला नेशनल मेमोरियल में आयोजित श्रद्धाजंलि सभा में पांच हजार लोग जुटे. स्मारक में फ्लाइट-93 पर सवार सभी 40 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों के नाम लिए गए. अपहर्ता फ्लाइट-93 को व्हाइट हाउस में घुसाना चाहते थे. लेकिन उड़ान के दौरान ही विमान के यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को आतंकवादियों के इरादों का एहसास हो गया. यात्रियों और चालक दल के सदस्यों ने आतंकवादियों से संघर्ष किया और जहाज को शैंक्सविला में गिरा दिया.
पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और वर्तमान उप राष्ट्रपति जो बाइडन वहां पहुंचे. क्लिंटन ने फ्लाइट में सवार हर एक अमेरिकी व्यक्ति को याद करते हुए कहा, "यात्रियों और चालक दल के सदस्यों ने देश को ऐसा तोहफा दिया है जिसकी हम कभी बराबरी नहीं कर सकेंगे. उन्होंने राजधानी को हमले से बचाया. कई जानें बचाईं. अमेरिकी सरकार के केंद्र पर हमले को रोक कर उन्होंने अल कायदा की प्रतीकात्मक जीत को रद्द कर दिया."
पेंटागन में अमेरिकी रक्षा मंत्री लियोन पैनेटा पहुंचे. वहां 9:37 पर मौन पसर गया. ठीक इसी वक्त अमेरिकी सेना के मुख्यालय को अल कायदा ने निशाना बनाया था. अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने अफगानिस्तान और ईराक युद्ध में मारे गए 6,200 सैनिकों को भी याद किया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओंकार सिंह जनौटी
संपादन: एन रंजन