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राजनीतिइंडोनेशिया

मोदी: आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति का केंद्रीय स्तंभ

७ सितम्बर २०२३

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में होने वाले जी20 सम्मेलन से ठीक पहले आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में शामिल होने जकार्ता में हैं.

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जकार्ता
20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में मौजूद नेतातस्वीर: Indonesian Presidential Secretariat Press Bureau

20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद मोदी भारत लौट आएंगे, जहां वह शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.

जकार्ता में मोदी इन दोनों शिखर वार्ताओं में शामिल होने के अलावा कोई और द्विपक्षीय वार्ता नहीं करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को जकार्ता में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान और भारत के बीच शिखर सम्‍मेलन में भाग लिया. मोदी गुरुवार को ही पूर्व एशिया शिखर सम्‍मेलन में भी शामिल होंगे और आज ही वह देश लौट आएंगे.

भारत 9 और 10 सितंबर को जी20 की मेजबानी कर रहा है और विदेशी नेताओं और प्रतिनिधि मंडलों का दिल्ली पहुंचना जारी है.

जकार्ता में मोदी ने आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आसियान भारत की एक्‍ट-ईस्‍ट पॉलिसी का केंद्रीय स्‍तंभ है और इसका भारत की हिंद-प्रशांत नीति में महत्‍वपूर्ण स्‍थान है.

मोदी ने कहा, "हमारा इतिहास और भूगोल भारत-आसियान को एकजुट करता है. इसके साथ ही, हमारे साझा मूल्य, क्षेत्रीय एकीकरण और शांति, समृद्धि और बहुध्रुवीय दुनिया में हमारा साझा विश्वास भी हमें एकजुट करता है."

मोदी ने एक बार फिर ग्‍लोबल साउथ की आवाज को बढ़ाने का आह्वान किया और साथ ही कोविड-19 महामारी के बाद नियम-आधारित विश्व व्यवस्था बनाने की आवाज को मजबूत करने का आग्रह किया. मोदी ने कहा कि पिछले साल भारत-आसियान साझेदारी दिवस मनाया गया था और सामरिक रूप से महत्‍वपूर्ण साझेदारी को एक नयी शुरुआत दी गई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीतस्वीर: Sotiris Dimitropoulos/Eurokinissi/ANE Edition/IMAGO

भारत और आसियान साझेदारी के चार दशक

मोदी ने कहा कि भारत और आसियान साझेदारी अपने चार दशक पूरे कर चुकी है. उन्‍होंने कहा कि सम्‍मेलन की सह-अध्‍यक्षता करना उनके लिए सम्‍मान की बात है.

आसियान की स्थापना 1960 के दशक में हुई थी, जब शीत युद्ध चरम पर था. यह समूह राजनीतिक रूप से विविध है. साथ ही यह एकता और सदस्यों के आंतरिक मामलों में अ-हस्तक्षेप को प्राथमिकता देता है.

आलोचकों का कहना है कि जहां म्यांमार जैसे साथी सदस्यों के मुद्दों की बात आती है, वहां कार्रवाई का दायरा सीमित है. म्यांमार में 2021 में तख्तापलट के बाद सेना ने सत्ता पर कब्जा किया जिसके दो साल बाद वहां हिंसा भड़कती रहती है.

वहीं पूर्व एशिया शिखर सम्‍मेलन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आसियान केंद्रित तंत्र का एक मुख्‍य सम्मेलन है. 2005 में इसकी शुरुआत होने के बाद से इस सम्‍मेलन ने क्षेत्र के लिए रणनीतिक महत्‍व के मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए मंच उपलब्‍ध कराने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है.