बीजिंग 2022: शीतकालीन ओलंपिक खेलों के कुछ यादगार पल
ओलंपिक खेलों की दुनिया का सबसे बड़ा मंच हैं. इस साल के शीतकालीन खेलों में आनंद, निराशा और रोमांच के कई पल कैमरे में कैद किए गए हैं. डीडब्ल्यू आपके लिए बीजिंग 2022 खेलों के अभी तक के कुछ यादगार पल चुन कर लाया है.
बर्फ पर उड़ान
अमेरिकी फिगर स्केटर नेथन चेन ने पुरुषों के फिगर स्केटिंग में ऐसा प्रदर्शन दिया जो तकनीकी रूप से उत्तम तो था ही, कलात्मक रूप से प्रभावशाली भी था. उन्होंने लगभग बिना किसी चूक के एक के बाद एक बेहद कठिन प्रदर्शन दिए और स्वर्ण पदक जीत लिया.
संस्कृतियों का मिलन
फ्रीस्टाइल स्कीइंग करने वाले 18 साल के एलीन गू लगभग हर प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक मंत्र की तरह दोहराते हैं, "अमेरिका में, मैं अमेरिकी हूं और चीन में मैं चीनी हूं." गू खेलों की शुरुआत से पहले से ही बीजिंग 2022 का चेहरा हैं. उनका जन्म और लालन पालन अमेरिका में हुआ लेकिन बीते कुछ समय से वो चीन के लिए खेल रहे हैं. बीजिंग में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता.
शानदार वापसी
स्लालोम खेलने वालीं स्लोवाकिया की पेत्रा विल्होवा खुद अपने प्रदर्शन पर भरोसा नहीं कर पा रही हैं. पहले दौर में वो सातवें स्थान पर रहीं और उन्हें लगा कि अब तो कोई भी मेडल हाथ नहीं लग पाएगा. लेकिन दूसरे दौर उन्होंने बिना किसी चूक के पूरा किया और खुद को भी चौंकाते हुए बाकी सबको पछाड़ दिया.
निराशा का एक पल
28 साल की अमेरिकी स्लालोम खिलाड़ी मिकाएला शिफरिन स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार मानी जा रही थीं, लेकिन पहले तो जायंट स्लालोम में वो जल्द ही बाहर हो गईं. उसके बाद स्लालोम में भी कुछ ही पलों के बाद वो बाहर हो गईं. निराशा के उस पल में उन्हें अपने पिता की याद आ गई जिनका दो साल पहले एक हादसे में निधन हो गया था. उन्होंने रोते हुए कहा, "मैं अभी उन्हें फोन करना चाहती हूं, लेकिन अब वो यहां हैं ही नहीं."
स्वर्णिम जोड़ी
इतालवी कर्लिंग खिलाड़ी स्तेफानिया कॉन्सतांतीनि अपने साझेदार अमोस मोसेनर को बार बार चिल्ला कर कहती हैं, "पीयू, पीयू, पीयू...और तेज, और तेज, और तेज." इस जोड़ी ने मिश्रित युगल श्रेणी में हर दौर में जीत हासिल की और स्वर्ण पदक अपने नाम किया.
मोड़ से सावधान
लूग खेल शुरू होने से पहले से ही खिलाड़ी 13वें मोड़ के बारे में सोच कर ही जरा सा हिल जाते हैं. आप अगर वहां पहुंच कर जरा सा भी इधर-उधर हुए तो गिरना तय है.और यही हुआ जूलिया तौबित्ज के साथ जिन्हें स्वर्ण पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था. गिरने के साथ ही कोई भी पदक जीतने का अवसर भी उनके हाथ से निकल गया.
दर्द या खुशी?
स्कीएथलन में जीत दर्ज करने के बाद नॉर्वे की थेरेसे जोहॉग इस समय किस भाव से गुजर रही थीं, यह कहना मुश्किल है. माइनस 16 डिग्री तापमान में रेस खत्म करने के बाद निश्चित ही पहले तो वो दर्द में रही होंगी, लेकिन जल्द ही जीत की खुशी उन पर हावी हो गई. यह उनकी पहली अकेली ओलंपिक जीत थी और इस साल के खेलों में दिया जाने वाला पहला स्वर्ण पदक भी. (आंद्रेयास स्टेन-जीमंस)