चीन में बच्चे बढ़ाने के लिए नए उपायों के एलान
२९ अक्टूबर २०२४चीन ने सोमवार 28 अक्टूबर को परिवार नियोजन और बच्चों को पालने के बारे में कुछ नए कदमों का एलान किया है ताकि जन्म दर को बढ़ाया जा सके. यह जानकारी देश की कैबिनेट, या राज्य परिषद द्वारा जारी एक बयान में दी गई. पिछले दो साल से चीन की आबादी घट रही है.
चीन की आबादी 1.4 अरब है. पिछले साल वहां की जन्म दर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई. इस दौरान भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया और वह दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया. चीन अपनी घटती आबादी से परेशान है और जन्म दर को बढ़ाना चाहता है.
युवा भारतीय आबादी के मुकाबले चीन की जनसंख्या उम्र के ढलान पर है. इसके कई कारण हैं, मसलन लंबी होती जीवन अवधि और घटती जन्म दर. बीते साल चीन में 60 साल या इससे ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या करीब 30 करोड़ पर पहुंच गई. यानी, उसकी कुल आबादी का लगभग 21.1 फीसदी हिस्सा. उसके एक साल पहले यह आंकड़ा करीब 28 करोड़ था.
राज्य परिषद ने विवाह और बच्चे पैदा करने की नई संस्कृति को बढ़ावा देने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि सही उम्र में विवाह और माता-पिता द्वारा मिलकर बच्चों की देखभाल का महत्व समझाया जाना चाहिए.
मददगार हो सकते हैं कदम
जिन उपायों का एलान किया गया है, उनमें बेहतर मातृत्व बीमा, मातृत्व अवकाश, सब्सिडी और बच्चों के लिए चिकित्सा सुविधाओं को शामिल किया गया है. राज्य परिषद ने स्थानीय सरकारों से बाल देखभाल केंद्रों के लिए बजट आवंटित करने और ऐसी सेवाओं के लिए कर और शुल्क में छूट देने की सिफारिश की है.
झोंगताई सिक्योरिटीज रिसर्च इंस्टिट्यूट के प्रमुख नीति विश्लेषक यांग चांग ने कहा, "इस समय बच्चे पैदा करने को समर्थन बहुत महत्वपूर्ण है." उन्होंने कहा कि सोमवार की घोषणा भविष्य के उपायों के लिए एक ढांचा तैयार करेगी.
यांग चांग ने कहा कि 15 से 49 वर्ष की आयु की महिलाओं की संख्या घटने की संभावना है और निकट भविष्य में बच्चों को जन्म देने की इच्छा में बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है. ऐसे में नीति समर्थन से जन्म दर में गिरावट को रोकने में मदद मिल सकती है.
कई तरह के उपाय
हालांकि चीन ने 2015 में अपनी 35 साल पुरानी एक-बच्चा नीति को समाप्त कर दिया था, लेकिन जन्म दर को बढ़ाने में उसे मुश्किलें आ रही हैं, खासकर जब ग्रामीण लोग रोजगार के लिए शहरों की ओर जा रहे है.
शिक्षा भी एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर ध्यान दिया गया है. स्थानीय अधिकारियों से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के छात्रों के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाने के लिए कहा गया है, जिसमें "मुफ्त शिक्षा के दायरे के क्रमिक विस्तार" की बात कही गई है.
स्थानीय अधिकारियों को यह भी कहा गया कि वे आवास और रोजगार का बोझ कम करने में मदद करें, विशेष रूप से कई बच्चों वाले परिवारों को घर खरीदने में मदद करें और गर्भवती महिलाओं और नई माताओं के काम करने के अधिकारों की रक्षा को मजबूत करें.
जन्म दर को बढ़ावा देने के लिए युवा लोगों के दोस्ती करने, डेट करने और शादी करने के लिए गैर-व्यावसायिक प्लेटफार्मों की स्थापना करने का भी सुझाव दिया गया.
सोमवार के उपाय इस महीने स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण के बाद आए हैं, जिसमें यह समझने की कोशिश की गई कि बच्चे पैदा करने के प्रति लोगों की सोच क्या है और वे इसको लेकर क्यों डरते हैं.
देर से रिटायरमेंट, जल्दी शादी
पूर्व में हुए अध्ययनों में भी देखा गया है कि चीन में खासकर युवा शादी और बच्चे पैदा करने से झिझक रहे हैं. चीन में शादी करना इतना महंगा हो गया है कि अब धनी लोग भी इसका खर्च नहीं उठा पा रहे हैं. स्थानीय सरकारों ने लोगों को शादी और बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते कई कदम उठाए हैं.
इनमें करों में कटौती, घर खरीदने पर सब्सिडी और 25 साल से कम उम्र में शादी करने पर नकद धन जैसी सुविधाएं शामिल हैं. पिछले साल चेंगशान काउंटी ने ऐलान किया कि अगर दुल्हन की उम्र 25 वर्ष या उससे कम है तो जोड़ों को 1000 युआन (137 डॉलर) का नकद इनाम दिया जाएगा.
चीन उन देशों में है, जहां आबादी सबसे ज्यादा तेजी से उम्रदराज हो रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, साल 2040 तक वहां 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या आबादी का लगभग 28 फीसदी होगी. आबादी में बुजुर्गों की इतनी बड़ी संख्या चीन के लिए नीतिगत स्तर पर बड़ी चुनौती है. इन्हीं चिंताओं में से एक यह है कि इतनी बड़ी आबादी को पेंशन कहां से दी जाएगी. हाल ही में चीन ने रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने का एलान किया था.
'नेशनल पीपल्स कांग्रेस' की स्टैंडिंग कमेटी ने कहा है कि रिटायरमेंट की आयु पांच साल तक बढ़ाई जाएगी. जनवरी 2025 से शुरू होकर अगले 15 साल में धीरे-धीरे रिटायरमेंट की उम्र बढ़ती जाएगी.
पुरुष 60 की जगह 63 साल में रिटायर होंगे. महिलाएं 55 की जगह 58 साल में रिटायर होंगी. शारीरिक श्रम करने वाली महिला कामगार (ब्लू कॉलर वर्कर) जो 50 साल की उम्र में रिटायर होती थीं, अब 55 साल तक काम करेंगी. सुधारों के तहत, साल 2030 से पेंशन फंड में कर्मचारियों के जरूरी योगदान की अवधि 15 साल से बढ़ाकर 20 साल कर दी जाएगी.
वीके/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)