कोविड के बारे में बताने वाले वैज्ञानिक का जीना दूभर
१ मई २०२४2020 में सबसे पहले कोविड-19 वायरस के बारे में दुनिया को बताने वाले चीनी वैज्ञानिक को लैब में घुसने से रोक दिया गया. जांग योंगजेन नाम के इस वैज्ञानिक ने सबसे पहले कोविड सीक्वेंस प्रकाशित किया था. सोमवार को जब उन्हें लैब में घुसने नहीं दिया गया तो वह दरवाजे पर ही धरने पर बैठ गए.
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में जांग ने लिखा कि उन्हें और उनकी टीम को एकाएक सूचित किया गया कि उन्हें लैब से बाहर किया जा रहा है.
वायरस विशेषज्ञ जांग ने जनवरी 2020 में एक शोध प्रकाशित किया था. लेकिन उस शोध के प्रकाशन में उन्होंने सरकार की इजाजत नहीं ली थी. उसके बाद से उन्हें पद से हटा दिया गया और उन्हें काम करने में परेशान किया जाता रहा है.
बीते सप्ताहांत जब जांग ने लैब में जाना चाहा तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया. तब बारिश हो रही थी और वह वहीं बाहर धरने पर बैठ गए. इसकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर साझा की गई हैं.
इस प्रदर्शन की खबर चीनी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगी. जांग ने अपने एक सहकर्मी को बताया कि वह रात को भी लैब के बाहर ही सोये. हालांकि मंगलवार को वह कहां थे, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है.
चीनी सोशल मीडिया वेबसाइट वाइबो पर जांग ने लिखा, "मैं हटूंगा नहीं. मैं छोड़ूंगा नहीं. मैं विज्ञान और सत्य का अन्वेषी हूं.” बाद में यह पोस्ट डिलीट कर दी गई.
अधिकारियों के साथ तनातनी
शंघाई के पब्लिक हेल्थ क्लिनिक सेंटर ने एक बयान जारी कर कहा कि लैब में कुछ निर्माण हो रहा है, इसलिए "सुरक्षा कारणों से” लैब को बंद किया गया है. अधिकारियों के मुताबिक उन्होंने जांग की टीम को वैकल्पिक जगह उपलब्ध करवाई थी.
जांग ने इस बात का खंडन किया है. उन्होंने लिखा कि उनकी टीम को जगह खाली करने का नोटिस मिलने के बाद तक कोई वैकल्पिक जगह नहीं दी गई थी. बाद में जो जगह दी गई वह उनकी रिसर्च के लिए सुरक्षा मानकों पर पूरी तरह खरी नहीं उतरती.
जांग के साथ हो रहे बर्ताव को बहुत से विशेषज्ञ चीन की सरकार के सूचनाओं पर नियंत्रण की कोशिशों के सिलसिले के रूप में देखते हैं. समाचार एजेंसी एपी ने हाल ही में एक खोजी रिपोर्ट छापी थी, जिसमें बताया गया था कि चीन कोविड वायरस के जन्म के बारे में हो रही घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पड़ताल की कोशिशों को रोकने में लगा है. बहुत सी प्रयोगशालाएं बंद कर दी गई हैं. वैज्ञानिकों के परस्पर सहयोग को रोका गया है और चीनी विशेषज्ञों को देश से बाहर जाने नहीं दिया जा रहा है.
जब मंगलवार को मीडिया ने जांग से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि उनके लिए बोलना "सुविधाजनक” नहीं है और कुछ लोग उनकी बातें सुन रहे हैं. इससे पहले सोमवार को उन्होंने अपने सहयोगी ऑस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक एडवर्ड होम्स को एक ईमेल भेजा था, जिसमें उन्होंने बताया था कि सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें लैब में नहीं घुसने दिया और उन्होंने लैब के बाहर ही रात बिताई.
सूचनाओं पर नियंत्रण
जांग के घर जाने की कोशिश कर रहे एपी के एक रिपोर्टर को भी सुरक्षाकर्मियों ने परिसर के बाहर ही रोक दिया. चीन की प्रमुख स्वास्थ्य संस्था नेशनल हेल्थ कमिशन के एक कर्मचारी ने फोन पर बताया कि सभी सवाल शंघाई की सरकार से पूछे जाने चाहिए. शंघाई सरकार ने सवालों का जवाब नहीं दिया.
जांग की मुश्किलें तब शुरू हुई थीं जब 5 जनवरी 2020 को उन्होंने नए वायरस का पता लगाया था. विभाग को भेजी गई एक ईमेल में उन्होंने चीनी अधिकारियों को इस वायरस के फैलने के बारे में चेताया था. तब उन्होंने वायरस के सीक्वेंस को सार्वजनिक नहीं किया था.
अगले ही दिन उनकी लैब को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया. तभी चीन ने दुनिया को बताया कि वूहान शहर में कई दर्जन लोगों को सांस की बीमारी के कारण इलाज दिया गया है. उसी बीमारी के मामले हांग कांग, दक्षिण कोरिया और ताइवान में भी सामने आने लगे. ये वही लोग थे जो उस दौरान वूहान गए थे.
तभी विदेशी वैज्ञानिकों को पता चला कि जांग और अन्य चीनी वैज्ञानिकों ने वायरस का पता लगा लिया है. उन्होंने चीन से सीक्वेंस जारी करने की मांग की. सरकारी इजाजत ना मिलने के बावजूद 11 जनवरी 2020 को जांग ने सीक्वेंस को प्रकाशित कर दिया. तब तक कोरोना महामारी कई देशों में पहुंच चुकी थी.
काम के बदले इनाम
वायरस का परीक्षण करने के लिए सीक्वेंस का पता होना जरूरी होता है. उसके बाद ही टेस्ट किट, वायरस को फैलने से रोकने के उपाय और वैक्सीन विकसित की जा सकती हैं. सीक्वेंस प्रकाशित होने के कुछ ही हफ्तों में यह वायरस पूरी दुनिया तक पहुंच गया और तीन महीने के भीतर तमाम देशों ने लॉकडाउन लगा दिया.
अपने काम के लिए जांग को बाद में पुरस्कार भी मिले लेकिन होम्स बताते हैं कि तभी से उनकी निगरानी बढ़ गई. उन्हें चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन में उनके पद से हटा दिया गया. उन्हें अन्य सहयोगियों के साथ काम करने से भी मना कर दिया गया.
होम्स बताते हैं, "जब से उन्होंने चीनी अधिकारियों को नजरअंदाज कर कोविड-19 वायरस का जीनोम सीक्वेंस प्रकाशित किया, तभी से उनके खिलाफ एक अभियान चल रहा है. इस पूरी प्रक्रिया से उन्हें तोड़ दिया गया है और मैं हैरान हूं कि वह अब भी काम करने की स्थिति में हैं.”
वीके/एए (एपी, रॉयटर्स)