कवर गर्लः अंगेला मैर्केल
पिछली चार बार से जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल अब राजनीति को विदा कह रही हैं. उनका कार्यकाल अनूठा रहा है. मीडिया ने उन पर दिलचस्प टिप्पणियां की हैं. देखिए कुछ मैग्जीन कवर...
हंटर वाली
2011 में जब यूरो संकट चल रहा था तब स्पेन की व्यंग्य पत्रिका ‘एल हुएवेस’ ने जर्मन चांसलर को हंटर वाली के रूप में दिखाया था. कार्टून में मैर्केल स्पेन की सरकार के प्रमुख मारियानो राहोय से पूछ रही हैं, “ब्रैंडिंग आयरन या कोड़ा?” जवाब मिलता है, “निर्भर करता है...”. दरअसल यह कार्टून अंगेला मैर्केल की स्पेन को आर्थिक मदद पर कड़ी सख्ती को लेकर तंज है.
बचत हिटलर
स्पेन के अलावा ग्रीस को भी कर्ज के भयंकर संकट से गुजरना पड़ा था. अंगेला मैर्केल ने उसके लिए मदद का वादा किया लेकिन बदले में बचत के लिए कड़े नियम लगाने की मांग की. ग्रीस के अखबार ‘डेमोक्रेसी’ ने उन्हें बचत कराने वाला हिटलर बता दिया.
यातना कैंप की कैदी
2013 में पोलैंड की एक दक्षिणपंथी पत्रिका ने मैर्केल को यातना कैंप के कैदी के रूप में दिखाया. संदर्भ एक डॉक्युमेंट्री फिल्म ‘अवर मदर्स, अवर फादर्स’ थी, जिसमें जर्मनी पर इतिहास के साथ तोड़-मरोड़ करने का आरोप लगाया गया था.
चीन में पोकर-फेस
मीडिया में अक्सर मैर्केल को एक सख्त और समझौता न करने वाली नेता दिखाया गया है. चीन की पत्रिका के दिसंबर 2011 अंक में मैर्केल की तस्वीर पर लिखा है – ‘पोकर फेस’. कोशिश उन्हें एक सख्त, सर्द इंसान के रूप में पेश करने की है, जो मैर्केल की चीन यात्रा से ठीक पहले छपी थी.
टर्मिनेटर
जून 2012 में ‘न्यू स्टेट्समैन’ पत्रिका ने मैर्केल को टर्मिनेटर के रूप में छापा और लिखा कि वह यूरोप की सबसे खतरनाक नेता हैं. मैर्केल की सरकारी खर्चों में कटौती की नीति के विरोध में छपी इस कहानी में उन्हें हिटलर के बाद जर्मनी का सबसे खतरनाक नेता बताया गया था.
मदर अंगेला
2015 में जर्मन पत्रिका डेर श्पीगल ने अचानक अंगेला मैर्केल की छवि बदल दी जब हंगरी ने सीरिया के शरणार्थियों को लेने से इनकार कर दिया और मैर्केल ने उनका स्वागत किया. उस फैसले ने मैर्केल की एक मानवीय छवि पेश की.
विशाल व्यक्तित्व
2015 में शरणार्थियों पर अपने फैसले के लिए मैर्केल की तारीफ हर जगह हुई. टाइम पत्रिका ने उन्हें पर्सन ऑफ द ईयर चुना और ‘स्वतंत्र दुनिया की चांसलर’ कहा.
फिर हिटलर
दुनियाभर में प्रचारित छवि के उलट पोलैंड की पत्रिका ‘प्रोस्ट’ ने मैर्केल को फिर एक बार हिलटर जैसा दिखाया. उसका कहना था कि मैर्केल पोलैंड पर नियंत्रण की कोशिश में हैं. यह तस्वीर हिटलर की एक मशहूर तस्वीर के आधार पर बनाई गई.
एक युग का अंत
16 साल तक जर्मनी की चांसलर रहने के बाद अंगेला मैर्केल अब विदा हो रही हैं. उरसूला वाइडेनफेल्ड ने उनकी जीवनी लिखी है, जिसका शीर्षक है – द चांसलर. 26 सितंबर को जर्मनी में आम चुनाव होंगे जिसके बाद मैर्केल के युग का पटाक्षेप हो जाएगा.